Pics: मोहम्मद इकबाल जिनकी कलम बनी देश की आवाज, हिंदुस्तान को दिया 'सारे जहां से अच्‍छा'

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 21, 2018 01:42 PM2018-04-21T13:42:19+5:302018-04-21T13:42:19+5:30

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खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है।

जफा जो इश्क में होती है वह जफा ही नहीं, सितम न हो तो मुहब्बत में कुछ मजा ही नहीं।

ढूंढता रहता हूं ऐ 'इकबाल' अपने आप को, आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंजिल हूं मैं।

दिल की बस्ती अजीब बस्ती है, लूटने वाले को तरसती है।

मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहिए कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है।

सितारों से आगे जहां और भी हैं अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं

खुदा के बन्दे तो हैं हजारों बनो में फिरते हैं मारे-मारे मैं उसका बन्दा बनूंगा जिसको खुदा के बन्दों से प्यार होगा

सख्तियां करता हूं दिल पर गैर से गाफिल हूं मैं हाय क्या अच्छी कही जालिम हूं, जाहिल हूं मैं