1 / 6पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा, जिन्होंने रविवार को कांग्रेस के साथ अपने परिवार के 55 साल पुराने रिश्ते को खत्म कर दिया और शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए। इससे पहले देवड़ा ने रविवार सुबह एक पर पोस्ट में लिखा, 'आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ है। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता समाप्त हो गया है।“2 / 6शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा,'मुझे सुबह से बहुत सारे फोन आ रहे हैं कि मैंने कांग्रेस पार्टी से अपने परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता क्यों तोड़ दिया...मैं पार्टी के सबसे लंबे समय तक वफादार रहा। दुर्भाग्य से, आज की कांग्रेस 1968 और 2004 की कांग्रेस से बहुत अलग है। 3 / 6उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस और यूबीटी ने रचनात्मक और सकारात्मक सुझावों और योग्यता और क्षमता को महत्व दिया होता, तो एकनाथ शिंदे और मैं यहां नहीं होते। एकनाथ शिंदे को एक बड़ा निर्णय लेना था, मुझे एक बड़ा निर्णय लेना था'4 / 6उन्होंने आगे कहा, आज जो अफसोस की बात है वही पार्टी जिस पार्टी ने 30 साल पहले जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, देश के वित्त मंत्री हुआ करते थे। उस समय बड़े आर्थिक सुधार किए। वही पार्टी आज उद्योगपतियों, कारोबारियों को एंटी नेशनल कह रही है। 5 / 6उन्होंने कहा, 'वही पार्टी जो इस देश को रचनात्मक सुझाव देती थी कि देश को आगे कैसे ले जाया जाए, अब उसका एक ही लक्ष्य है - पीएम मोदी जो भी कहते और करते हैं उसके खिलाफ बोलना है।6 / 6उन्होंने कहा, मैं GAIN - विकास (ग्रोथ) , आकांक्षा (एस्पिरेशन) , समावेशिता (इनक्लुसिविटी) और राष्ट्रवाद (नैशनलिज्म) की राजनीति में विश्वास करता हूं। मैं PAIN - व्यक्तिगत हमलों (पर्सनल अटैक), अन्याय (इनजस्टिस) और नकारात्मकता (निगेटिविटी) की राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं।