लाइव न्यूज़ :

मुंशी प्रेमचंद के पुण्यतिथि पर पढ़ें, उनके ये अनमोल वचन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 7, 2022 17:39 IST

Open in App
1 / 8
प्रेमचंद का आधिकारिक नाम धनपत राय था। प्रेमचंद आजादी से पहले शिक्षा विभाग में डिप्टी इंस्पेक्टर थे। 1921 में उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़ दी और लेखन और प्रकाशन को अपना पूर्णकालिक पेशा बना लिया। गोदान, गबन, कर्मभूमि, निर्मला, सेवा सदन इत्यादि उपन्यासों समेत उन्होंने करीब ढाई सौ कहानियाँ लिखीं। हिन्दी के इस यशस्वी पुत्र ने 8 अक्टूबर 1936 को अंतिम साँस ली।
2 / 8
'देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता, उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है।'
3 / 8
''मैं एक मजदूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।'
4 / 8
'किसी कश्ती पर अगर फर्ज़ का मल्लाह न हो तो फिर उसके लिए दरिया में डूब जाने के सिवाय कोई चारा नहीं।'
5 / 8
'मासिक वेतन पूर्णमासी का चाँद होता है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते-घटते लुप्त हो जाता है।'
6 / 8
'जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है।'
7 / 8
'जब किसान के बेटे को गोबर में से बदबू आने लग जाए तो समझ लो कि देश में अकाल पड़ने वाला है।'
8 / 8
'अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है।''
टॅग्स :प्रेमचंदकला एवं संस्कृति
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वलूव्र, मोनालिसा की चोरी और कला की वापसी के रूपक

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर में अब तक का सबसे लंबा हस्तलिखित हदीस

भारत‘सोजे वतन’ पर गोरी सत्ता की कुदृष्टि ने नवाबराय को प्रेमचंद बनाया

विश्वकला में बैंक्सी का लोक सरोकार और कैटेलान का केला

भारतनाट्यशास्त्र के बहाने कलाओं की अंतर्दृष्टि की वैश्विक स्वीकार्यता

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई