अरुण जेटली की दोस्तों संग मस्ती से लेकर पीएम मोदी के साथ रैली तक की ये तस्वीरें, कर देंगी आंखें नम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 24, 2019 02:46 PM2019-08-24T14:46:25+5:302019-08-24T14:46:25+5:30

Next

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार दोपहर निधन हो गया है। उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।

1970 के दशक में देश में कई छात्र नेता उभर रहे थे जिनमें कुछ लोगों ने बड़े-बडे़ राज्यों की कमान संभाली। बिहार से लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद जैसे छात्र नेता वर्तमान राजनीति के मुख्य किरदार हैं। उन्हीं दिनों जेटली ने कानून की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली विश्विद्यालय में दाखिला लिया।

कारवां मैगजीन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत के दिनों में जेटली लेफ्ट क्लब का हिस्सा थे। 1970 के दशक में इंदिरा गांधी शासन से नाराज कई युवा और छात्र नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े।

1972 में DUSU के अध्यक्ष बने श्रीराम खन्ना ने जेटली को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के सुप्रीम कौंसलर के लिए नामांकित किया था।

1974 के छात्रसंघ चुनाव के समय तक जेटली डीयू में कद्दावर छात्र नेता बन चुके थे। जेटली किसी तरह भी छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतना चाहते थे।

संडे गार्डियन अखबार के वरिष्ठ संपादक पंकज वोहरा, जो उस समय कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के सदस्य थे, उन्होंने बताया कि कांग्रेस भी उन्हें अपनी तरफ खींचना चाहती थी। क्योंकि जेटली का किसी भी पार्टी से चुनाव जीतना तय था।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जून 1975 के दिन इमरजेंसी की घोषणा की। उस समय जेटली दिल्ली में कानूनी अधिकारों को हटाये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में थे। विरोध करने वाले कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। जेटली को भी 19 महीने जेल में रहना पड़ा। जेटली को पहले अम्बाला जेल भेजा गया था फिर उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

वर्ष 2006 में जेटली पहली बार राज्यसभा सांसद बने। जून 2009 से वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। पार्टी में जेटली ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार से लेकर कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाली।

2014 लोकसभा चुनावों में उनको अमृतसर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया। हालांकि, जेटली यह चुनाव हार गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल करना चाहते थे।

मोदी कैबिनेट में मिले 2 बड़े मंत्रालय जेटली की मेहनत और लगन को देखते पीएम मोदी ने उन्हें केंद्रीय वित्त और रक्षा मंत्रालय की दो बड़ी जिम्मेदारियां दी।

जेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित थे, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल था। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई थी। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था। उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हुआ था जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। (सभी तस्वीरें: ट्विटर)