10 साल बाद भी ताजे हैं 26/11 मुंबई आतंकी हमले के जख्म, तस्वीरों में देखिए दर्द भरी कहानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 26, 2018 09:46 AM2018-11-26T09:46:53+5:302018-11-26T09:46:53+5:30
आतंकी कोलाबा की मच्छीमार कॉलोनी से मुंबई में घुसे। मच्छीमार कॉलोनी से बाहर आते ही आतंकी टोलियों में बंट गए।
सभी आतंकी यहूदी गेस्ट हाउस नरीमन हाउस, सीएसटी, होटल ताजमहल, होटल ट्राईडेंट ओबरॉय और लियोपोल्ड कैफे की तरफ बढ़ गए।
आतंकियों की पहली टीम लियोपोल्ड कैफे पहुंची और रात करीब साढ़े नौ बजे जोरदार धमाका किया।
आतंकियों की दूसरी टीम में अजमल आमिर कसाब और अबू इस्माइल खान शामिल थे। दोनों सीएसटी पहुंचे और अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे। इन दोनों आतंकियों ने यहां 58 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
26/11 मुंबई हमले के अकेले जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब को पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद पुणे की यरवदा जेल में साल 2012 में फांसी दे दी गई थी।
4 आतंकियों की एक टीम होटल ताजमहल की तरफ निकल गई थी। सरकारी आँकड़ों की मानें तो ताजमहल होटल में 31 लोग मारे गए और चार हमलावरों को सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया।
होटल ट्राईडेंट ओबरॉय में आतंकियों की एक टीम रिसेप्शन पर पहुंची और अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी में होटल के 32 मेहमानों की जान चली गई।
महाराष्ट्र एटीएस के चीफ हेमंत करकरे, पुलिस अधिकारी विजय सालस्कर, आईपीएस अशोक कामटे और कॉन्स्टेबल संतोष जाधव आतंकियों ने लोहा लेते समय शहीद हो गए।
एनएसजी और आतंकियों के बीच हुई लंबी मुठभेड़ में 9 आतंकी मारे गए और दसवें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया।