SBI ने किया होम लोन प्रॉडक्ट को किया रेपो रेट से लिंक, ग्राहकों मिलेगा फायदा

By स्वाति सिंह | Published: June 8, 2019 11:54 AM2019-06-08T11:54:40+5:302019-06-08T11:54:40+5:30

केंद्रीय बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये आरटीजीएस और नेफ्ट (एनईएफटी) के जरिये धन अंतरण पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है। 

SBI launches home loan product with repo rate link, customers get advantage | SBI ने किया होम लोन प्रॉडक्ट को किया रेपो रेट से लिंक, ग्राहकों मिलेगा फायदा

आरबीआई फरवरी से लेकर अब तक कुल मिलाकर अपनी नीतिगत दर प्रधान उधारी दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।

Highlightsयह तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में कटौती की हैरिजर्व बैंक की रेपो दर ताजा कटौती के बाद 5.75 प्रतिशत हो गयी गयी है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 1 जुलाई से अपने होम लोन की ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ने की घोषणा की है। यानि अगले महीने से एसबीआई के होम लोन का इंटरेस्ट रेट पूरी तरह रेपो रेट पर आधारित हो जाएगा। इस बदलाव का सीधा असर एसबीआई के ग्राहकों पर पड़ने वाला है।  बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नीतिगत दर में चौथाई प्रतिशत की कमी की। इससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) कम होने की उम्मीद है। 

इस साल यह तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में कटौती की है और इससे यह नौ साल के न्यूनतम स्तर पर आ गयी है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये आरटीजीएस और नेफ्ट (एनईएफटी) के जरिये धन अंतरण पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है। 

नरम पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये शीर्ष बैंक ने आने वाले समय में नीतिगत दर में और कटौती के भी संकेत दिया। इस समय आर्थिक वृद्धि दर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद के न्यूनतम स्तर पर है। 

रिजर्व बैंक की रेपो दर ताजा कटौती के बाद 5.75 प्रतिशत हो गयी गयी है। इससे रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत पर आ गयी है। यह उम्मीद की जा रही है कि बैंक इस कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को देंगे जिससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्तें कम होंगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सभी छह सदस्यों ने आम राय से रेपो में कटौती का निर्णय किया। साथ ही मौद्रिक नीति रुख तटस्थ से नरम कर दिया।

आरबीआई फरवरी से लेकर अब तक कुल मिलाकर अपनी नीतिगत दर प्रधान उधारी दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक ने 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर के अप्रैल अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है। 

देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 की चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रही जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है। इतना ही नहीं पिछले कुछ तिमाहियों में पहली बार आर्थिक वृद्धि दर चीन की वृद्धि दर से नीचे आ गयी। 

 केंद्रीय बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये आरटीजीएस और नेफ्ट (एनईएफटी) के जरिये धन अंतरण पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है और बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है।
 

Web Title: SBI launches home loan product with repo rate link, customers get advantage

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