नई दिल्ली: नो योर कस्टमर (केवाईसी) एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सभी बैंक समय-समय पर अपने ग्राहकों की पहचान के लिए कुछ जरूरी कागजात मांगते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि बैंकिंग सेवाओं का दुरुपयोग न हो और किसी दूसरे शख्स के नाम पर कोई अन्य व्यक्ति पैसों की लेन-देन न कर रहा हो।
किसी भी बैंक में ग्राहकों के खाते खोलने के समय भी KYC प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। बैंकों को अपने ग्राहकों के केवाईसी विवरणों को समय-समय पर अपडेट करने की भी आवश्यकता होती है।
इसके लिए, बैंकों ग्राहकों के बुनियादी विवरणों को एकत्र करने और सत्यापित करने का काम करती है। इसके लिए ग्राहकों को बैंक के पड़ोस स्थित ब्रांच में जाकर केवाईसी अपडेट कराने के लिए कहा जाता है।
KYC को अपडेट कराने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया(एसबीआई) कई दस्तावेजों की अनुमति देता है। इन कागजों का उपयोग विभिन्न व्यक्तियों द्वारा केवाईसी अपडेट कराने के दौरान किया जा सकता है।
SBI ग्राहक अपना KYC अपडेट कैसे करें?
ग्राहकों को निकटतम एसबीआई बैंक के ब्रांच पर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जाना होगा और फिर वहां केवाईसी अपडेट कराने के लिए एक फॉर्म प्राप्त करना होगा। इस फॉर्म पर अपना पता, फोन नंबर आदि लिखने के बाद अपने पहचान पत्र (आईडी) की एक फोटो कॉपी प्रति जमा करानी होगी।
बता दें कि यदि बैंक ग्राहक नाबालिग, एनआरआई या छोटे खाता धारक हैं तो एसबीआई ने इन ग्राहकों के केवाईसी के लिए जरूरी दस्तावेजों की एक सूची बना रखा है। जब केवाईसी की बात आती है, तो हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस प्रक्रिया के लिए दो दस्तावेज बेहद अहम हैं। पहली ग्राहक का पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण पत्र जिसकी जानकारी आपने पहले से अकाउंट में दे रखी है।
केवाईसी के लिए इन व्यक्तिगत कागज की जरूरत पड़ सकती है-
पासपोर्टमतदाता पहचान पत्रड्राइविंग लाइसेंसआधार पत्र / कार्डनरेगा कार्डपैन कार्ड
नाबालिगों के अकाउंट के केवाईसी होने का नियम-
यदि नाबालिग की आयु 10 वर्ष से कम है, तो जिस बच्चे के नाम पर खाता है, उसे स्वयं का पहचान प्रमाण बैंक में प्रस्तुत करना आवश्यक है। ऐसे उदाहरणों में जहां खात में सिर्फ बच्चे का ही नाम हो और बच्चा उस खाते से पैसों के लेन-देन का अकेले इस्तेमाल करता है तो ऐसे में केवाईसी मानदंड सत्यापन प्रक्रिया वही होगा जो आम लोगों का होता है या किसी अन्य व्यक्ति के मामले में होता है।