कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच राशन कार्ड वालों को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की समय सीमा 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। सबसे जरूरी बात यह है कि आधार से जुड़े नहीं होने के बावजूद लाभार्थियों को कार्ड पर उनके हिस्से का राशन मिलता रहेगा। आधार से नहीं जुड़े राशन कार्ड रद्द होने की खबरों पर मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए यह बात कही है।
सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़ने की जिम्मेदारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की सात फरवरी 2017 की अधिसूचना के आधार पर दी गई है। इस अधिसूचना को समय-समय पर संशोधित किया जाता रहा है। अब इस काम की समयसीमा को बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 तक कर दिया गया है। सरकार ने साफ किया है कि किसी का राशन कार्ड आधार संख्या नहीं जुड़े होने के कारण रद्द नहीं किया जाएगा।
इस बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया है कि एक जून से 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वाकांक्षी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा ‘एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड’ को अमल में लाने की तैयारी है। इस पहल के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के पात्र लाभार्थी एक ही राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने हिस्से का खाद्यान्न ले सकेंगे। पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब तक 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जोड़ा जा चुका है और ओडिशा, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे तीन और राज्य भी तैयार हो रहे हैं। कुल 20 राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश एक जून से राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के शुभारंभ के लिए तैयार होंगे।’’
इससे पहले कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आधार और पैन कार्ड लिंक की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 कर चुकी है। अगर आपने पैन कार्ड से आधार से नहीं जोड़ा तो आपका PAN Card कार्ड इनएक्टिव हो जाएगा। इससे आप इनकम टैक्स, निवेश या लोन आदि से जुड़ा कोई भी काम नहीं कर पाएंगे। इन सब कामों के लिए पैन से आधार का लिंक कराना बेहद जरूरी है।
लिंक नहीं करने पर जुर्माना का प्रावधान
पहले 31 मार्च 2020 तक पैन-आधार लिंक कराना जरूरी था। सरकारी आदेश के अनुसार आप अगर आधार-पैन लिंक नहीं कराते हैं तो आपका परमानेंट अकाउंट (PAN) नंबर निष्क्रिय का इनएक्टिव हो जाएगा। इसके बाद किसी भी जरूरी ट्रांजैक्शन के लिए पैन नंबर देने पर आप पर 10 हजार रुपये जुर्माना लग सकता है। इससे पहले आधार-पैन लिकिंग डेडलाइन 31 दिसंबर 2019 थी जिसे बढ़ाकर 31 मार्च 2020 किया गया था।