बढ़ती आमदनी और घटती ब्याज दर, बड़े शहरों में घर खरीदना हुआ आसान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 25, 2019 11:51 AM2019-04-25T11:51:57+5:302019-04-25T12:10:34+5:30

एक तरफ बड़े शहरों में मध्यम वर्ग की बढ़ती आमदनी और दूसरी तरफ घटती ब्याज दरों ने अब मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना आसान कर दिया है.

Increasing earnings and falling interest rate, buying houses in big cities is easy | बढ़ती आमदनी और घटती ब्याज दर, बड़े शहरों में घर खरीदना हुआ आसान

प्रतीकात्मक चित्र

अश्विनी महाजन (वरिष्ठ पत्रकार)
                                         
1990 के बाद बड़े शहरों में घर खरीदना मुश्किल से मुश्किल होता जा रहा था.  एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए घर खरीदना एक सपने जैसा ही था. कारण था घरों की लगातार बढ़ती कीमतें. वर्ष 2010 के बाद के चार वर्षो में तो कीमतें इस कदर बढ़ीं कि घर मध्यम वर्ग की पहुंच से बाहर हो गए. कल्पना करें कि एक मध्यमवर्गीय परिवार की आमदनी 50,000 रूपए महीना हो और एक दो बेड रूम का फ्लैट दिल्ली के पास के उपनगरों में 40 लाख रूपए का हो तो वह घर उस परिवार की क्षमता से बाहर हो जाता है, क्योंकि 10 प्रतिशत ब्याज पर 20 साल की अदायगी वाले होम लोन पर उसकी ईएमआई 38,600 रूपए होगी. 

वर्ष 2014 से पहले घरों की कीमतों में अनाप-शनाप वृद्धि देखी गई. माना जाता है कि वर्ष 2009 के बाद यूपीए की दूसरी पारी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, कालाधन बाजारों में निवेश के लिए आ गया. कालेधन के निवेश हेतु सामान्यत: दो गंतव्य माने जाते हैं, पहला संपत्ति और दूसरा सोना. इस दौरान सोने का आयात भी कई गुणा बढ़ गया और बड़े शहरों में घरों की कीमतें भी 5 गुणा या उससे ज्यादा बढ़ गईं. इसके कारण घर मध्यम वर्ग के पहुंच से बाहर हो गए.  होमलोन की ब्याज दर कम होने पर घर खरीदने का सामर्थ्य बढ़ जाता है. 

गौरतलब है कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के बाद ब्याज दरों में खासी कमी आ गई और होमलोन की ब्याज दर 6.5 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत तक पहुंच गई. यूपीए शासन के दौरान महंगाई बढ़ने के कारण रिजर्व बैंक ने रेपोरेट भी बढ़ा दिया और वह एक समय तो 8.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. इसके चलते होमलोन की दरें भी बढ़ गईं और वह 11 प्रतिशत तक पहुंच गईं. पिछले कुछ समय से महंगाई की दर 3 प्रतिशत से भी कम पर पहुंच चुकी है और रिजर्व बैंक ने रेपोरेट को घटाकर 6 प्रतिशत तक कर दिया है. इसका असर यह हुआ है कि होमलोन की ब्याज दर खासी कम हो गई है.

माना जा सकता है कि एक तरफ बड़े शहरों में मध्यम वर्ग की बढ़ती आमदनी और दूसरी तरफ घटती ब्याज दरों ने अब मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना आसान कर दिया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 4-5 वर्षो से रियल इस्टेट में आई मंदी के चलते बड़ी संख्या में बिल्डरों के पास फ्लैट उपलब्ध हैं. माना जा सकता है कि आने वाले वर्षो में फ्लैटों की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ेंगी, क्योंकि एक तरफ महंगाई थम चुकी है और दूसरी तरफ बड़ी संख्या में घर उपलब्ध हैं.

English summary :
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Web Title: Increasing earnings and falling interest rate, buying houses in big cities is easy

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