अगर आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) खुद जमा करना चाहते हैं तो जरुरी दस्तावेज तैयार कर लें। सरकार के आदेश के अनुसार अगर आप आईटीआर समय से जमा नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना भी भरना पड़ेगा। अक्सर यह देखा जाता है कि आम लोगों को आईटीआर जमा करने में समस्याएँ आती हैं लेकिन कुछ ऐसे दस्तावेज़ हैं जिनके होने पर आईटीआर जमा करने के दौरान कोई परेशानी नहीं होती है।
- पैन कार्ड
-आधार कार्ड या एनरोलमेंट नंबर
- टीसीएस क्रेडिट की जानकारी देने के लिए फॉर्म-16, 16ए और 16बी
-बचत खाता
इस साल रिटर्न फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अपनी ब्याज से होने वाली इनकम के बारे में भी जानकारी देनी होगी। जैसे उन्हें बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट या किसी अन्य सोर्स से होने वाली ब्याज से आय की जानकारी देनी है। धारा 80टीटीए के तहत 10 हजार रुपए तक की ब्याज आय पर छूट का फायदा लिया जा सकता है।
फॉर्म 26AS
यह फॉर्म कर पासबुक होता है जो पैन के द्वारा सालाना कर लेन देन की जानकारी देता है। जिसमें कुछ चीज़े शामिल हैं,
1. व्यावसायिक समूह द्वारा काटा गया टीडीएस (TDS)
2. बैंक द्वारा काटा गया टीडीएस अगर इनकम पर 10,000 से अधिक ब्याज लगता है।
3. हमारे द्वारा जमा किया गया एडवांस टैक्स
टैक्स-बचत-निवेश प्रूफ
फाइनेंसियल इयर 2019-20 में किए निवेश और खर्च के प्रूफ लगाकर टैक्स को कम किया जा सकता है. इसे सेक्शन 80 C के तहत आने वाले कुछ प्रावधानों से इस फॉर्म को समझा जा सकता है।
-एम्प्लोयी प्रोविडेंट फंड (EPF)
-पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
-EISS नीतियों के तहत म्युचुअल फंड में निवेश
-जीवन बीमा के लिए किया गया भुगतान
-नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
बैंक से लिए गए होम लोन की जानकारी
साफ़ तौर पर, यदि आपने घर लेने के लिए किसी बैंक से क़र्ज़ लिया है तो उसकी पूरी जानकारी का फॉर्म आपके पास होना अनिवार्य है। इसमें कुल राशि से जुड़ा ब्याज भी शामिल है जो कि सेक्शन 24 के अंतर्गत आता है।
कैपिटल गेन्स (पूंजीगत लाभ)
यदि हमें संपत्ति बेचने से या म्युचुअल फंड से लाभ होता है तो उसकी जानकारी भी देना अनिवार्य है। कैपिटल गेन्स जानने का सबसे आसान तरीका है कि कोई भी घर, ज़मीन या संपत्ति खरीदने की पूरी रसीद उपलब्ध होनी चाहिए।