लाइव न्यूज़ :

FRDI बिल: आपका पैसा आप ही बैंक से नहीं निकाल सकेंगे, PM मोदी ने दी सफाई

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: December 14, 2017 17:46 IST

इस मसौदे की अच्छी बात यह है कि बैंक में रखे आपके पैसे को सुरक्षा कवर मिलेगा, लेकिन चिंताजनक स्थिति यह है कि बिल में साफ तौर पर कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सुरक्षा कवर कितना और किस स्थिति में मिलेगा।

Open in App

बैंकों में जमा पूंजी पर हक खत्म हो जाने वाले बिल फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पर पीएम मोदी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। आइए बताते हैं ये विवाद क्या है-

पीएम मोदी बोले, सुरक्षित होगा पैसाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बैंक खाता धारकों के भय को दूर करते हुए कहा कि बैंकों में जमा उनका धन सुरक्षित रहेगा और उनके हितों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। फिक्की की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ वर्गो द्वारा प्रस्तावित वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि इससे जमाकर्ताओं को नुकसान होगा। 

इसके बाद उन्होंने कहा कि, "सरकार बैंकिंग प्रणाली को नीतिगत पहलों के द्वारा दैनिक आधार पर मजबूत करने की कोशिश कर रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर एफआरडीआई विधेयक के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जो कि वास्तविकता के ठीक उलट है। हम जमाकर्ताओं के साथ बैंकों के हितों की भी सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं।"

बदलेंगी कई चीजेंइस बिल का नाम एफआरडीआई यानी फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस  है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बिल का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इस शीत सत्र में यह बिल संसद में पेश किया जा सकता है। अगर यह बिल संसद में पास होता है तो बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ आपके लिए भी कई चीजें बदल जाएंगी।

आपके पैसे लौटाने से मना कर सकता है बैंकमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे बड़ा सवाल बैंकों में रखे आपके पैसे को लेकर है। इस बिल के पास होने के बाद बैंक को अधिकार होगा कि वह अपनी वित्तीय स्थ‍िति बिगड़ने की हालत में आपके जमा पैसे लौटाने से इनकार कर दे और इसके बदले आपको सिक्योरिटीज या शेयर दें।

बिल पास हुआ तो जल्द बनेगा कानूनवित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए इस बिल को तैयार किया गया है। FRDI यानी फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल के मुताबिक जब भी कोई बैंक अपना कारोबार करने और अपने पास जमा आम लोगों के पैसे लौटाने में सक्षम नहीं होगा तो ऐसी स्थिति में उस बैंक को इस संकट से उबारने में यह बिल रामबाण साबित होगा। किसी भी बैंक, इंश्योरेंस कंपनी और अन्य वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थ‍िति में उसे संकट से उभारने के लिए इस बिल को पास कर कानून बनाने की योजना है। 

आपकी खून-पसीने की कमाई पर आपसे ज्यादा अधिकार बैंक काइस बिल से वित्तिय सस्ंथानों/बैंको को सीधा फायदा होगा लेकिन इससे आम इंसान की चिंता काफी बढ़ जाएगी। मौजूदा मसौदे में दिए गए 'बेल इन' टर्म के मुताबिक बैंक में जमा आपकी खून पसीने की कमाई पर आपसे ज्यादा अधिकार बैंक को होगा। ऐसे में बैंक वित्तीय स्थ‍िति के खराब होने का हवाला देकर आपके पैसे लौटाने से इनकार कर सकता है। बदले में वह आपको उसके शेयर्स या उतनी ही कीमत की कुछ और सिक्युरिटी दे सकते हैं।

नुकसान बैंक का भरपाई करेंगे आपइस बिल में 'बेल-इन' एक ऐसा टर्म है जो नुकसान या कर्जदारों की भरपाई के लिए बैंक को यह अधिकार देता है कि वह अपना कर्जा लोगों के के पैसों से चुकता करें। सामान्य शब्दों में कहे तो कर्ज और नुकसान बैंक का भरपाई करें आप। 

दिवालिया होने पर आपकी जमा पूंजी का इस्तेमाल करेगा बैंकवहीं संकट या दिवालिया होने की स्थिति में बैंक आपके जमा पूंजी का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा. इसके अलावा सबसे खास और गंभीर बात यह है कि ऐसी स्थिति में यदि बैंक चाहे तो वह आपके पैसे देने से भी इंकार कर सकता है। 

ऐसे समझे इस चिंताजनक स्थिति कोआसान शब्दों में कहे तो यदि आपके अकाउंट में 5 लाख रुपये हैं और यदि बैंक दिवालिया होता है तो वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थ‍िति में होगा, ऐसी स्थिति में बैंक आपको कम से कम 1 लाख रुपये लौटाएगा लेकिन बचे हुए 4 लाख रुपए का आपको कैसे वापस मिलेंगे उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी बैंक की नहीं होगी।

रेजोल्यूशन कॉरपोरेशन तय करेगा कवर गारंटीयदि यह बिल कानून बनता है तो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का अस्तित्व खत्म कर रेजोल्यूशन कॉरपोरेशन बनेगा। रेजोल्यूशन कॉरपोरेशन वित्त मंत्रालय के अधीन काम करेगा. यह कॉरपोरेशन ही तय करेगा कि अगर बैंक दिवालिया होता है आपका कितना पैसा सुरक्षित होगा।  

सबसे चिंताजनक स्थितिइस मसौदे की अच्छी बात यह है कि बैंक में रखे आपके पैसे को सुरक्षा कवर मिलेगा, लेकिन चिंताजनक स्थिति यह है कि बिल में साफ तौर पर कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि सुरक्षा कवर कितना और किस स्थिति में मिलेगा। 

वित्त मंत्री: बिल में बदलाव की गुंजाइशएक्सपर्ट की माने तो वर्तमान में सुरक्षा कवर के रूप में मिलने एक लाख रूपए को बढ़ाया जा सकता है। वहीं कुछ का मानना है कि इसे कम भी किया जा सकता है। वहीं तैयार किए गए इस मसौदे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि इसमें अभी काफी बदलाव की गुंजाइश है। उन्होंने इसे पूरी तरह परिभाषित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस मामले में आम रायशुमारी भी ली जाने की बात कही जा रही है।

टॅग्स :एफआरडीआई बिलबैंकिंग सेक्टरबैंकअरुण जेटलीवित्त मंत्री अरुण जेटलीमनी
Open in App

संबंधित खबरें

पर्सनल फाइनेंसLIC New Schemes: LIC ने शुरू की 2 नई योजनाएं, पूरे परिवार के लिए मिलेगी ये सुविधा, यहां करें चेक

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

भारतपोस्ट ऑफिस की ये 6 सेविंग स्कीम हर महिला के लिए जरूरी, चेक करें एलिजिबिलिटी और इंटरेस्ट रेट

कारोबारDollar vs Rupee: डॉलर के सामने पस्त हुआ रुपया, 90.02 प्रति डॉलर के साथ सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया

पर्सनल फाइनेंस अधिक खबरें

पर्सनल फाइनेंसPPO Number: रिटायर पेंशनभोगियों के लिए जरूर है PPO नंबर, जानें क्या है ये और ऑनलाइन कैसे करें पता

पर्सनल फाइनेंसLIC Amrit Bal Policy: बच्चों के भविष्य के लिए जरूर कराए LIC की ये पॉलिसी, जानें पूरी पॉलिसी डिटेल्स

पर्सनल फाइनेंसस्टार्टअप कंपनीज को आईपीओ बनाने की मुहिम में जुटे मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा

पर्सनल फाइनेंसRBI ने Mastercard पर लगाया बैन,22 जुलाई से बैंक नहीं जारी कर पाएंगे नए मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड

पर्सनल फाइनेंसचोरी या खो गया है SBI डेबिट/एटीएम कार्ड, ऑनलाइन ऐसे कराएं ब्लॉक, बस एक फोन कॉल के जरिए इस तरह पाए नया