नई दिल्ली, 6 जून: देश में बढ़ते बैंक घोटाले को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल बैंकिंग से लेनदेन करने वाले ग्राहकों को सतर्क किया है। इसके साथ ही बैंक ने डेबिट-क्रेडिट कार्ड में धोखाधरी होने पर ग्राहकों को तीन कार्यदिवस में रिपोर्ट करने को कहा है। उसके बाद पूरी जवाबदेही बैंक की होगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार से डिजिटल को खूब बढ़ावा दिया है, जिसके बाद से इस माध्यम से लेन-देन काफी बढ़ गया है। जिसके चलते गड़बड़ियां भी काफी बढ़ गई हैं।
आरबीआई के अनुसार अगर ग्राहक किसी तीसरे पक्ष द्वारा डिजिटल तरीके से लेन-देन में गड़बड़ी के बारे में तीन कार्यदिवस (जिस दिन दफ्तरों में काम होते हैं ) के भीतर अपनी बैंक शाखा में शिकायत कर देता है तो उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। तब पूरी जवाबदेही बैंक की होगी। हालांकि, गड़बड़ी की शिकायत में देरी होती है और ग्राहक चार से सात कार्यदिवस में शिकायत करता है तो लेनदेन की अधिकतम देनदारी प्राथमिक खातों (बीसीबीडी) के मामले में 5,000 रुपये तथा अन्य बचत खातों तथा क्रेडिट कार्ड (5 लाख रुपये तक की सीमा) के लिये 10,000 रुपये की देनदारी बनेगी।
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आरबीआई से देशभर में 'वित्तीय साक्षरता सप्ताह' की शुरुआत की है। इसमें बताया गया है कि एटीएम से असफल लेन-देन, जानकारी दिये बिना बैंक खाते में शुल्क लगना आदि के बारे में ग्राहक अपनी शाखा में शिकायत कर सकते हैं। एक माह के अंदर समाधान नहीं होता है तो वे बैंकिंग लोकपाल के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। चार जून से आठ जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बैंक ग्राहकों के बीच वित्तीय उत्पादों और सेवाओं, अच्छी वित्तीय गतिविधियों तथा डिजिटिल माध्यम के उपयोग के बारे में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया।
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वहीं सात कार्य दिवस से अधिक समय तक आप गड़बड़ी या धोखाधड़ी की जानकारी नहीं देते हैं तो बैंक की नीति के अनुसार ग्राहकों की देनदारी तय होगी। रिजर्व बैंक सहायक महाप्रबंधक (एफएलसी) डी बी भट्टाचार्य ने दावा किया, 'दुनिया में भारत एकमात्र देश है जहां डिजिटल लेन-देन में धोखाधड़ी से निपटने के लिये इस तरह की व्यवस्था की गयी है।' वित्तीय साक्षरता के तहत बैंकों की शाखाओं में बैनर, पोस्टर के जरिये ग्राहकों को अवैध बैंकिंग इलेक्ट्रानिक लेन-देन तथा सुरक्षित डिजिटल बैंक अनुभव के लिए 'अपनी जवाबदेही को जाने’ जैसे उपभोक्ता संरक्षण संदेश पर भी जोर दिया गया।
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कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक युजीन ई कार्थक, ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (ओबीसी) के प्रबंध निदेशक एम के जैन, पंजाब नेशनल बैंक के कार्यकारी निदेशक एल वी प्रभाकर, पंजाब एंड सिंध बैंक (पीएसबी) के कार्यकारी निदेशक डा। फरीद अहमद के अलावा विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी, वित्तीय साक्षरता से जुड़े लोग एवं अन्य संबंधित पक्ष शामिल हुए।