लाइव न्यूज़ :

‘तुम्हें रुकना नहीं है’, भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत ने मिल्खा सिंह के शब्दों को याद किया

By भाषा | Updated: June 20, 2021 18:02 IST

दिग्गज मिल्खा सिंह का का शुक्रवार को चंडीगढ़ में कोविड-19 से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया था। खिलाड़ियों सहित हजारों देशवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी ।

Open in App
ठळक मुद्देगुरप्रीत ने कहा कि हम सब उनके बारे में पढ़ते हुए बड़े हुए है और उनके साथ मंच साझा करने को कभी नहीं भूलूंगा।गुरप्रीत 2014 में नार्वे के एफसी स्टैबेक के प्रतिनिधित्व के साथ यूरोप के शीर्ष डिवीजन में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे।

‘तुम्हें रुकना नहीं है’ महान धावक मिल्खा सिंह के ये शब्द अब भी भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को प्रेरित करते हैं, जिन्हें ‘उड़न सिख’ की सलाह ने उनके यूरोपीय कार्यकाल के दौरान चुनौतियों से लड़ने में मदद की।गुरप्रीत ने 2015 में चंडीगढ़ में एक समारोह में मिल्खा सिंह से पुरस्कार लेने के दिन को याद करते हुए कहा, ‘‘ उन्होंने (मिल्खा) ने मुझ से कहा था, ‘ कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। अभ्यास के समय मुझे कई बार खून की उल्टी होती थी लेकिन तुम्हें रुकना नहीं है’।’’

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की विज्ञप्ति में उन्होंने कहा, ‘‘ उस समय, मैं एफसी स्टैबेक के साथ नॉर्वे में क्लब फुटबॉल खेल रहा था, जहाँ हर दिन खुद को साबित करने और शुरुआती टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करना होता था। विदेश में रहते हुए यह एक बड़ी चुनौती थी, ऐसे भी दिन थे जब खुद का उत्साह बनाए रखना कठिन था।’’उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, मैं खुद ‘उड़न सिख’ की सलाह को याद करता था। वे एक महान प्रेरक थे और मुझे हर दिन अपना सब कुछ झोकने के लिए प्रेरित करते थे।’’

इस 29 साल के गोलकीपर ने कहा, ‘‘ उन्होंने मुझसे जो शब्द बोले वो आज भी मेरे पास हैं और प्रेरणा के बहुत बड़े स्रोत बने रहेंगे। जब भी मैं अपने देश के लिए फुटबॉल के मैदान पर संघर्ष करूंगा तब उनके शब्द और आशीर्वाद मेरे पास रहेंगे।’’गुरप्रीत 2014 में नार्वे के एफसी स्टैबेक के प्रतिनिधित्व के साथ यूरोप के शीर्ष डिवीजन में खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे। वह टीम के साथ 2017 तक बने रहे और इस दौरान 2016 में यूरोपा लीग (यूरोपीय फुटबॉल की दूसरी स्तर की क्लब प्रतियोगिता) में खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे।

रोम ओलंपिक (1960) में सेकेंड के सौवें हिस्से से कांस्य पदक से चूकने वाले मिल्खा सिंह को याद करते हुए गुरप्रीत ने कहा, ‘‘ महान लोगों की गाथा और उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहती है। मिल्खा सिंह जी और उनकी जीवन की कहानी ने भारत और दुनिया भर में अरबों लोगों को प्रभावित किया है। वह भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।’’

टॅग्स :मिल्खा सिंह
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंजाब विस ने मिल्खा, यशपाल व कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी

अन्य खेलओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने ऐतिहासिक उपलब्धि दिग्गज धावक मिल्खा सिंह को समर्पित किया

भारतविजय दर्डा का ब्लॉग: कब आप बदलोगे, कब देश बदलेगा..?

अन्य खेलपांच दिन में सिर से उठ गया माता पिता का साया, अब जीव मिल्खा सिंह का छलका दर्द, कहा- पापा मेरे सबसे अच्छे मित्र और मार्गदर्शक

भारत‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह पंचतत्व में विलीन, तोपों की सलामी, दुनिया भर की हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!