डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया खारिज, कहा- जांच के लिए तैयार हूं
By मनाली रस्तोगी | Published: January 18, 2023 06:30 PM2023-01-18T18:30:43+5:302023-01-18T19:39:47+5:30
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ूंगा लेकिन मैं सीबीआई या पुलिस द्वारा जांच के लिए तैयार हूं।
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को कहा कि मेरे खिलाफ पहलवानों के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं, यौन उत्पीड़न का एक भी मामला साबित होने पर मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ूंगा लेकिन मैं सीबीआई या पुलिस द्वारा जांच के लिए तैयार हूं।
सिंह ने ये भी कहा कि मेरे खिलाफ इस साजिश के पीछे एक उद्योगपति का हाथ है। जान से मारने की धमकी मिलने पर विनेश ने पुलिस से संपर्क क्यों नहीं किया। बता दें कि विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बुधवार को रोते हुए आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं।
Sexual harassment is a big allegation. How can I take action when my own name has been dragged into this? I am ready for an investigation: Brijbhushan Sharan Singh, President, Wrestling Federation of India (WFI) pic.twitter.com/m5EntTcwW4
— ANI (@ANI) January 18, 2023
फोगाट ने उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की। विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता और ओलंपियन विनेश ने यह भी दावा किया कि लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में कई कोच ने भी महिला पहलवानों का शोषण किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिविर में कुछ महिलाएं हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के कहने पर पहलवानों से संपर्क करती हैं।
इस 28 साल की पहलवान ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन्होंने खुद इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इशारे पर उनके करीबी अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली थी, क्योंकि उन्होंने तोक्यो ओलंपिक खेलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनका ध्यान इन मुद्दों पर आकर्षित करने का हिम्मत दिखाई थी।
यहां के जंतर मंतर पर चार घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठने के बाद विनेश ने कहा, "मैं कम से कम 10-12 महिला पहलवानों को जानती हूं जिन्होंने मुझे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में बताया है। उन्होंने मुझे अपनी कहानियां सुनाईं। मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलें तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं।"
विनेश के साथ बैठे तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे एक अभूतपूर्व कदम में, देश के शीर्ष पहलवान डब्ल्यू अध्यक्ष की ‘तानाशाही’ के विरोध में एकत्रित हुए।
बजरंग, विनेश, साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं। बजरंग ने पीटीआई से कहा ,"हमारी लड़ाई सरकार या भारतीय खेल प्राधिकरण के खिलाफ नहीं है। हम डब्ल्यूएफआई के खिलाफ है। हम आज इसका ब्यौरा देंगे। ये तो अब आर पार की लड़ाई है।"
उन्होंने कहा, "डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाए जाने तक हम किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे। यह भारतीय कुश्ती को बचाने की लड़ाई है।" बजरंग का सहयोगी स्टाफ भी धरने पर बैठा था जिसमें उनके कोच सुजीत मान और फिजियो आनंद दुबे शामिल हैं। एक अन्य पहलवान ने कहा, "तानाशाही नहीं चलेगी।" सिंह 2011 से डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष हैं और फरवरी 2019 में लगातार तीसरी बार चुने गए।
(भाषा इनपुट के साथ)