शतरंज के विश्व चैम्पियन का फैसला अब रैपिड-प्ले टाईब्रेकर से, 50 घंटे के खेल के बावजूद नहीं मिला है नतीजा
By भाषा | Updated: November 28, 2018 16:37 IST2018-11-28T16:37:14+5:302018-11-28T16:37:14+5:30
26 साल के करूआना की नजरें बॉबी फिशर के बाद पहला अमेरिकी विश्व चैंपियन बनने पर टिकी हैं।

वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप (फोटो- ट्विटर)
लंदन: लगभग तीन हफ्ते में 50 घंटे से अधिक के खेल के बावजूद शतरंज विश्व चैंपियनशिप के खिताब का फैसला अब टाईब्रेकर बाजियों के साथ होगा। अमेरिका के चैलेंजर फाबियानो करुआना और गत विश्व चैंपियन नार्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच लगातार 12 बाजियां ड्रॉ रही। शतरंज विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
लंदन में ‘साउंडप्रूफ ग्लास’ केबिन में खेला जा रहे इस मैच का फैसला अब रेपिड बाजियों के नतीजे से होगा और अगर फिर भी नतीजा नहीं निकलता है तो विजेता का फैसला करने के लिए सडन डेथ प्रारूप का सहारा लिया जा सकता है। छब्बीस साल के करूआना की नजरें बॉबी फिशर के बाद पहला अमेरिकी विश्व चैंपियन बनने पर टिकी हैं।
करुआना के खिलाफ हालांकि 27 साल के कार्लसन का पलड़ा भारी माना जा रहा है जो 19 साल की उम्र से दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं और कम समय के मैचों में उन्हें काफी मजबूत माना जाता है। कार्लसन ने हालांकि सोमवार को 12वीं बाजी के दौरान करुआना को ड्रॉ की पेशकश करके कई कमेंटेटर को हैरान कर दिया जबकि विशेषज्ञों और कंप्यूटर प्रोग्राम का मानना था कि वह बेहतर स्थिति में थे।