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Tokyo Paralympics: राजस्थान के कृष्णा नागर ने हांगकांग के चू मान केइ को हराकर स्वर्ण पदक जीता

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 5, 2021 10:25 IST

Tokyo Paralympics: भारत के कृष्णा नागर ने ब्रिटेन की क्रिस्टीन कूम्ब्स को एसएच6 क्लास सेमीफाइनल में 21-10, 21-11 से हराया था।

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ठळक मुद्देबाईस वर्ष के नागर ने चार साल पहले ही खेलना शुरू किया। रजत और विश्व चैम्पियनशिप 2019 में एकल में कांस्य और युगल में रजत पदक जीता था।

Tokyo Paralympics: भारत के कृष्णा नागर ने इतिहास रच दिया। फाइनल में हांगकांग के चू मान केइ को हराकर स्वर्ण पदक जीता। कृष्णा नागर ने रविवार को पुरुषों की एकल एसएच6 क्लास के तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में हराकर टोक्यो पैरालंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया।

जयपुर के 22 साल के नागर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 21-17 16-21 21-17 से शिकस्त दी। इस तरह यह दूसरा वरीय खिलाड़ी बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने की सूची में हमवतन प्रमोद भगत के साथ शामिल हो गया। भगत ने शनिवार को एसएल3 क्लास में पहला स्वर्ण पदक जीता था।

यह पैरालंपिक खेलों में भारत का पांचवां स्वर्ण पदक है। इससे पहले सुहास यथिराज ने रविवार काो एसएल4 क्लास में रजत पदक जीता था। दूसरी वरीयता प्राप्त नागर ने ब्रिटेन की क्रिस्टीन कूम्ब्स को एसएच6 क्लास सेमीफाइनल में 21-10, 21-11 से हराया था।

बाइस वर्ष के नागर ने चार साल पहले ही खेलना शुरू किया। उन्होंने पैरा एशियाई खेलों में रजत और विश्व चैम्पियनशिप 2019 में एकल में कांस्य और युगल में रजत पदक जीता था। भारत के सुहास यथिराज रविवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक की पुरुष एकल एसएल4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से करीबी मुकाबले में हार गये जिससे उन्होंने ऐतिहासिक रजत पदक से अपना अभियान समाप्त किया।

नोएडा के जिलाधिकारी 38 वर्षीय सुहास को दो बार के विश्व चैम्पियन माजूर से 62 मिनट तक चले फाइनल में 21-15 17-21 15-21 से पराजय का सामना करना पड़ा। गैर वरीय सुहास ग्रुप ए के क्वालीफाइंग में भी माजूर से हार गये थे जिनके नाम यूरोपीय चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण पदक हैं।

इस तरह गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी सुहास पैरालंपिक में पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी बन गये हैं। सुहास ने बैडमिंटन में भारत के लिये तीसरा पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं लेकिन मुझे यह यह मैच दूसरे गेम में ही खत्म कर देना चाहिए था। ’’

टॅग्स :राजस्थानTokyo Paralympicsअशोक गहलोतजापान
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