सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त क्लब में रवि दहिया और बजरंग पूनिया ने, देखें आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2021 05:31 PM2021-08-07T17:31:45+5:302021-08-07T17:35:42+5:30

Tokyo Olympics: लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था।

Tokyo Olympics Ravi Dahiya and Bajrang Punia in Sushil Kumar and Yogeshwar Dutt club see figures | सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त क्लब में रवि दहिया और बजरंग पूनिया ने, देखें आंकड़े

भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे।

Highlightsरवि दहिया और बजरंग के प्रदर्शन से भारतीय कुश्ती दल को कुछ राहत मिली क्योंकि उनसे पदक की काफी उम्मीदें लगायी गयी थी।पदक की प्रबल दावेदार विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार गये थे।

Tokyo Olympics: भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया का स्वर्ण पदक जीतने का सपना भले ही पूरा नहीं हो पाया लेकिन वह शनिवार को यहां कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।

भारत ने इस पदक से किसी एक ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की। भारत का यह वर्तमान खेलों में कुल छठा और कुश्ती में दूसरा पदक है। इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था।

भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था। रवि दहिया और बजरंग के प्रदर्शन से भारतीय कुश्ती दल को कुछ राहत मिली क्योंकि उनसे पदक की काफी उम्मीदें लगायी गयी थी।

पदक की प्रबल दावेदार विनेश फोगाट क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी। सेमीफाइनल में हाजी अलीव के खिलाफ बजरंग को अपने कमजोर रक्षण के कारण हार झेलनी पड़ी थी लेकिन शनिवार को अपने रक्षण और आक्रमण का शानदार प्रदर्शन किया तथा नियाजबेकोव की एक नहीं चलने दी जिनसे वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हार गये थे।

बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे। उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया। वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये। बजरंग को पहला अंक नियाजबेकोव की निष्क्रियता के कारण मिला।

भारतीय पहलवान ने दाहिने पांव पर आक्रमण किया लेकिन नियाजबेकोव ने उनके सिर को पकड़ रखा था। बजरंग ने स्वयं को इससे मुक्त कराया और कजाखस्तानी पहलवान को आगे धकेलकर पहले पीरियड में 2-0 की बढ़त बनायी। उनका दाहिने पांव पर हमले से अंक नहीं बने लेकिन बजरंग ने हमले जारी रखे इसका परिणाम यह रहा कि उन्होंने जल्द ही 6-0 की मजबूत बढ़त हासिल कर ली।

इसके बाद उनके लिये जीत हासिल करना आसान रहा। नियाजबेकोव रेपाशेज राउंड जीतकर कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंचे थे। बजरंग ने शुक्रवार को किर्गीस्तान के अरनजर अकमातालीव और ईरान के मुर्तजा चेका घियासी को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनायी थी जहां उन्हें अजरबेजान के अलीव से हार का सामना करना पड़ा था।

भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत जबकि योगेश्वर ने कांस्य पदक जीता। साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था। 

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