नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि देश में योगासन को बढावा देने के लिये राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ (एनवायएसएफ) को मान्यता देने के खिलाफ भारतीय योग महासंघ (वायएफआई) के अभिवेदन को बिना सोचे समझे खारिज कर दिया गया और केंद्र दो सप्ताह के भीतर इस पर नये सिरे से विचार करे ।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने यह भी कहा कि खेल मंत्रालय के वायएफआई के अभिवेदन को खारिज करने के फैसले में उसके सामने रखी गई किसी दलील पर गौर नहीं किया गया ।
अदालत ने कहा ,‘‘ जिस तरह से याचिकाकर्ता का अभिवेदन खारिज किया गया, उससे लगता है कि केंद्र ने यांत्रिकी ढंग से फैसला लिया है और अभिवेदन में रखी गई दलीलों पर विचार नहीं किया ।’’
केंद्र के वकील ने भी स्वीकार किया कि अभिवेदन में उठाये गए किसी बिंदु का फैसले में जिक्र नहीं है और उन्होंने नये सिरे से फैसले के लिये समय मांगा ।
अदालत ने अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को तय करने के साथ कहा कि उम्मीद है कि दो सप्ताह में नया फैसला ले लिया जायेगा ।
वायएफआई के वकील राहुल मेहरा ने अदालत से निर्देश देने का आग्रह किया कि इस बीच केंद्र की ओर से एनवायएसएफ को कोई धन आवंटित नहीं किया जाये ।
अप्रैल में अदालत ने खेल मंत्रालय को वायएफआई के अभिवेदन पर फैसला लेने के लिये 45 दिन का समय दिया था । वायएफआई ने एनवायएसएफ को मिली मान्यता को चुनौती देते हुए कहा है कि इसका गठन आयुष मंत्रालय की सिफारिश पर किया गया लिहाजा यह खेल संहिता के खिलाफ है।
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