लाइव न्यूज़ :

‘गूगल सर्च’ से शुरू हुआ था पैरालंपिक रजत पदक विजेता प्रवीण कुमार का सफर

By भाषा | Published: September 03, 2021 4:19 PM

Open in App

जन्मजात दिव्यांगता के बावजूद 18 वर्षीय पैरालंपिक रजत पदक विजेता प्रवीण कुमार अपने स्कूल के दिनों में खेल के प्रति इतने दीवाने थे कि उन्होंने पैरा एथलेटिक्स और वैश्विक खेलों में भाग लेने का तरीका जानने के लिए इंटरनेट पर ‘गूगल सर्च (इंटरनेट खोज)’ की मदद ली। गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर के पास एक गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे प्रवीण ने 2.07 मीटर का नया एशियाई रिकॉर्ड बनाते हुए पैरालंपिक की पुरुषों की ऊंची कूद टी64/टी44 स्पर्धा में शुक्रवार को रजत पदक जीता।प्रवीण ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘ मेरा स्कूली जीवन ज्यादातर खेल के बारे में था। उस वक्त हालांकि मुझे नहीं पता था कि मैं एक दिन इस मुकाम पर पहुंचूंगा। मैं शुरू में स्कूल में वॉलीबॉल खेल रहा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे पैरा एथलेटिक्स के बारे में पता चला और ऊंची कूद लेने लगा।’’उन्होंने यूरोस्पोर्ट्स और भारतीय पैरालंपिक समिति द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मुझे पैरालंपिक और इसमें भाग लेने के बारे में गूगल पर खोज करने के बाद पता चला’’उन्होंने इस स्तर पर पहुंचने का श्रेय अपने कोच को देते हुए कहा, ‘‘ मैंने एक जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया जहां मैं अशोक सैनी सर से मिला, उन्होंने मुझे सत्यपाल सर (उनके वर्तमान कोच) का फोन नंबर दिया।’’दिल्ली में मोतीलाल नेहरू कॉलेज में कला विभाग के दूसरे वर्ष के छात्र प्रवीण ने बताया, ‘‘ मैंने (सत्यपाल) सर से संपर्क किया और फिर उन्हें पता चला कि मैं किस वर्ग में प्रतिस्पर्धा करूंगा। उन्होंने मेरी प्रतिभा को पहचाना और कहा कि वह मुझे प्रशिक्षण देंगे। यह साल 2018 की बात है।’’अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी अपने दूसरे वर्ष में ही पैरालंपिक में पदक जीतने वाले प्रवीण ने कहा कि शुरू में उसके स्कूल के साथी छात्रों और शिक्षकों को भी उस पर भरोसा नहीं था लेकिन बाद में उन्होंने उसका समर्थन करना शुरू कर दिया।उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने 2019 में जूनियर पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक और इस साल की शुरुआत में (दुबई में) पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीता था। इसलिए लोगों ने मेरा समर्थन करना शुरू कर दिया।’’वह 2019 में पैरा एथलेटिक्स (सीनियर) विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे। तोक्यो में अपने प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैंने अपने दूसरे प्रयास में 1.97 मीटर की ऊंचाई को पार किया तो मेरा आत्मविश्वास थोड़ा कम था, लेकिन 2.01 मीटर ऊंची कूद लगाने के बाद मैंने आत्मविश्वास हासिल कर लिया। मैंने खुद से कहा कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा। ’’उनके कोच सत्यपाल ने कहा कि उन्हें शुरू में प्रवीण के छोटे कद (पांच फुट पांच इंच) को लेकर थोड़ी चिंता थी लेकिन उन्होंने पाया कि प्रवीण के दाहिने पैर की मांसपेशियां बहुत मजबूत हैं।सत्यपाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ उसके बायें पैर में विकार है लेकिन उनके दाहिने पैर की मांसपेशियां बहुत मजबूत हैं। इसलिए, उनके छोटे कद के बावजूद मैंने उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए हामी भरी थी। ऊंची कूद में लंबाई (एथलीट की) बहुत महत्वपूर्ण है।’’कोच ने बताया, ‘‘ वह 2018 में अपने पिता के साथ मेरे पास आया और मुझे उसकी प्रतिभा का पता चला। वह बहुत गरीब परिवार से है लेकिन वह बहुत ईमानदार और समर्पित है।’’प्रवीण अप्रैल में कोविड-19 पॉजिटिव हो गये थे और वह इस साल ठीक से अभ्यास भी नहीं कर सके।दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रवीण को प्रशिक्षित करने वाले सत्यपाल ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन के कारण वह ठीक से प्रशिक्षण नहीं ले सका। ऊंची छलांग लगाने वालों को प्रशिक्षित करने के लिए गद्दे की जरूरत होती है, लेकिन स्टेडियम बंद होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकता था। इसके अलावा वह इस साल कोरोना वायरस के चपेट में भी आ गया था। सत्यपाल ने कहा कि प्रवीण अगले साल चीन के हांगझोऊ में होने वाले एशियाई पैरा खेलों में निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक के दावेदार होंगे लेकिन हमारा लक्ष्य 2024 पेरिस पैरालंपिक में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतना है। टी64 वर्ग में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। कुमार टी44 वर्ग के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं। टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर में विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट (चलने) पर असर होता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारGoogle Wallet app launched in India: गूगल वॉलेट ऐप भारत में लॉन्च, क्या है और यह Google Pay से कैसे अलग है?, यहां जानें विस्तार से...

कारोबारटेक सेक्टर में 2024 के शुरू के 4 महीने में करीब 80 हजार कर्मियों की हुई छुट्टी, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट

भारतFact Check: लोकसभा चुनाव में कई खबर फर्जी!, बंगाल में बांटी जा रही हैं नकली उंगलियां?, आखिर क्या है सच्चाई

कारोबारGoogle: भारत और मेक्सिको में नौकरियां ट्रांसफर करने के लिए गूगल ने 200 'कोर' टीम कर्मचारियों को किया बर्खास्त

विश्वGoogle outage: गूगल सर्च इंजन के इस्तेमाल में आई समस्या, दुनिया भर में लोगों को हुई दिक्कत, 500 से ज्यादा शिकायतें आईं

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलLa Liga 2023-24: रीयाल सोसीदाद पर 2-0 से जीत, गिरोना को पछाड़कर अंक तालिका में 76 अंक के साथ दूसरे स्थान पर बार्सीलोना, देखें प्वाइंट टेबल

अन्य खेलNational Federation Cup: 1100 दिन बाद राष्ट्रीय फेडरेशन कप में जलवा बिखरेंगे चोपड़ा, पेरिस ओलंपिक से पहले भुवनेश्वर में दिखाएंगे जलवा, जानें शेयडूल

अन्य खेलParis 2024 Olympic Games: पेरिस ओलंपिक में दिखेगा जलवा, चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने क्वालीफाई किया, भारतीय महिला और पुरुष ने किया धमाल

अन्य खेलLa Liga 2023-24: 36वीं बार ला लीगा का खिताब जीता रीयाल मैड्रिड, बार्सीलोना 73 अंक के साथ तीसरे स्थान पर, गिरोना 73 प्वाइंट के साथ दूसरे पायदान पर

अन्य खेलडोप टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार करने पर बजरंग पुनिया अस्थायी रूप से निलंबित, दी प्रतिक्रिया