NCSSR: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा-अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, नियमित प्रशिक्षण पर हर खिलाड़ी ध्यान दें...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 7, 2022 21:37 IST2022-06-07T21:35:49+5:302022-06-07T21:37:32+5:30
NCSSR: नीरज चोपड़ा ने कहा कि मेरा मानना है कि विश्व स्तरीय प्रदर्शन देने में सक्षम होने के लिए, खेल विज्ञान और बायोमैकेनिक्स जैसी चीजें आपके नियमित प्रशिक्षण के साथ बहुत मायने रखती हैं।

भारत में खेल कैसे विकसित हुए हैं। (file photo)
पंचकूलाः ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा कि हर खिलाड़ी को प्रतिस्पर्धा के दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए। भारत में खेल कैसे विकसित हुए हैं। चोपड़ा ने राष्ट्रीय खेल विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (एनसीएसएसआर) में ‘एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड-ए बिलियन ड्रीम फुलफिल्ड एंड माई जर्नी’ विषय अपनी बात रखी।
नीरज इस समय आगामी एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) के लिए फिनलैंड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऑनलाइन सत्र में भाग लिया और कहा कि खेल विज्ञान और बायोमैकेनिक्स के तकनीकी ज्ञान के साथ एक टीम होने से एक एथलीट के रूप में विकसित होने और विश्व स्तर का प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।
स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा जुलाई में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में निश्चित रूप से पदक जीतना चाहते हैं लेकिन वह इसके लिए ज्यादा दबाव नहीं बनाना चाहते। वह विश्व चैम्पियनशिप में पदक के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं और वह इसमें भी उसी सोच के साथ उतरेंगे जो उन्होंने ओलंपिक के दौरान अपनायी थी।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि मेरा मानना है कि विश्व स्तरीय प्रदर्शन देने में सक्षम होने के लिए, खेल विज्ञान और बायोमैकेनिक्स जैसी चीजें आपके नियमित प्रशिक्षण के साथ बहुत मायने रखती हैं। इसके अलावा, खेल विज्ञान का ज्ञान होने से आपको पोषण, आहार, रिकवरी और बायोमैकेनिक्स जैसी चीजों को तकनीकी रूप से समझने में भी मदद मिलती है।
मेरी कोशिश हमेशा परिस्थितियों के अनुसार दिन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की रही है। अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करता हूं और भविष्य के लिये और सुधार करता और सीखता हूं तो मुझे संतोष मिलता है। थोड़ा दबाव तो है, यह स्वभाविक है। लेकिन मैं हमेशा रिलैक्स रहने की कोशिश करता हूं और परिणाम के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। बड़े टूर्नामेंट में जाने से पहले जितना संभव हो, उतना सामान्य रहता हूं।
यह सब और अधिक समझने के बाद ही हम एक एथलीट और एक प्रतियोगी के रूप में आगे बढ़ सकते हैं। यह मेरे लिए यहां और एनएसएनआईएस पटियाला में है, जहां मैं धीरे-धीरे इस सब के बारे में सीखता हूं और इस तरह एक खिलाड़ी के रूप में प्रगति करने में सक्षम हूं। इसलिए खेल विज्ञान और बायोमैकेनिक्स का ज्ञान होने से बहुत मदद मिलती है।
एनसीएसएसआर, हरियाणा सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ), और खेल विज्ञान और विश्लेषिकी केंद्र, IIT मद्रास के सहयोग से युवा खेलों में उच्च प्रदर्शन के लिए अभिनव तकनीकी और खेल विज्ञान अभ्यास पर दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स हो रहा है।
साइ ने IIT-मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए, जहाँ IIT-M अब देश में एथलीटों के विकास के लिए अपनी तकनीक और बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञता इनपुट प्रदान करेगा। सत्र में अंजू बॉबी जॉर्ज, शक्ति सिंह, राधाकृष्णन नायर जैसे प्रख्यात खिलाड़ियों और कोच और प्रोफेसर महेश पंचगनुला, डीन, पूर्व छात्र और कॉर्पोरेट संबंध, आईआईटी मद्रास और डॉ. विभु नायक, निदेशक, एनसीएसएसआर, जैसे प्रमुख प्रोफेसरों ने भी भाग लिया।