नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख के खिलाफ भारतीय पहलवानों द्वारा किए गए विरोध के बाद, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने शनिवार को डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर को निलंबित कर दिया। अपने निलंबन के बाद विनोद तोमर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। यह फैसला खेल मंत्रालय और पहलवानों के बीच कल हुई बैठक का हिस्सा बताया जा रहा है। तोमर ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ मिलकर काम किया और डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखा।
बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक और कई अन्य पहलवानों ने 18 जनवरी को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ द इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। 28 वर्षीय फोगट ने आरोप लगाया कि बृजभूषण शरण महिला पहलवानों को परेशान करते रहे हैं।
विनेश ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के व्यवहार के कारण उन्होंने आत्महत्या के बारे में सोचा है। बृज भूषण शरण सिंह ने, हालांकि, सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अगर कोई भी पहलवान सामने आता है और विनेश के दावों की पुष्टि करता है तो वह खुद को फांसी लगा लेगा।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने शनिवार को अपने अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न सहित सभी आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि खेल निकाय में "मनमानेपन और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है"। महासंघ ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उन्हें "दुर्भावनापूर्ण और निराधार" बताया।
डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को अपने जवाब में कहा, ‘‘डब्ल्यूएफआई का प्रबंधन उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है, ऐसे में डब्ल्यूएफआई में अध्यक्ष सहित किसी एक द्वारा व्यक्तिगत रूप से मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘ डब्ल्यूएफआई ने विशेष रूप से, मौजूदा अध्यक्ष की देखरेख में हमेशा पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है।’’