मेरीकोम और साक्षी एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में

By भाषा | Updated: May 27, 2021 22:25 IST2021-05-27T22:25:54+5:302021-05-27T22:25:54+5:30

Mary Kom and Sakshi in the finals of the Asian Championship | मेरीकोम और साक्षी एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में

मेरीकोम और साक्षी एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में

दुबई, 27 मई छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकोम (51 किग्रा) और साक्षी (54 किग्रा) ने गुरुवार को यहां कड़े सेमीफाइनल मुकाबलों में जीत के साथ एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया।

मेरीकोम ने खंडित फैसले में मंगोलिया की लुतसेइखान अलतांतसेतसेग को 4-1 से हराया जबकि दो बार की विश्व युवा चैंपियन साक्षी ने कजाखस्तान की शीर्ष वरीय डिना झोलेमन को 3-2 से शिकस्त दी।

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा) और पदार्पण कर रही जैस्मिन (57 किग्रा) को हालांकि सेमीफाइनल में शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। मोनिका को कजाखस्तान की दूसरी वरीय अलुआ बाल्किबेकोवा के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में 0-5 से शिकस्त का सामना करना पड़ा जबकि जैस्मिन को भी कजाखस्तान की ही व्लादिस्लावा कुखता के खिलाफ इसी अंतर से हार झेलनी पड़ी। हाल में कोविड-19 से उबरने वाली सिमरनजीत को भी कजाखस्तान की ही रिमा वोलोसेंको के खिलाफ सेमीफाइनल में एकतरफा मुकाबले में 0-5 से हार मिली।

शीर्ष वरीय 38 साल की मेरीकोम ने अपने अनुभव का पूरा फायदा उठाते हुए अलतांतसेतसेग के खिलाफ दबदबा बनाया। मुकाबले के दौरान मेरीकोम के दायें हाथ से लगाए मुक्के काफी प्रभावी रहे।

मेरीकोम की नजरें इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में छठे स्वर्ण पदक पर टिकी हैं। फाइनल में मेरीकोम का सामना दो बार की विश्व चैंपियन कजाखस्तान की नाजिम काइजेबी से होगा।

मेरीकोम ने पीटीआई से कहा, ‘‘यहां के उमस भरे मौसम से सामंजस्य बैठाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। आज पहले दौर में मैं थोड़ी धीमी थी लेकिन दूसरे दौर के बाद मैंने लय हासिल कर ली। मैं पहले भी उससे एक बार भिड़ चुकी हूं इसलिए उसकी रणनीति समझने में अधिक समय नहीं लगा।’’

नाजिम के खिलाफ मुकाबले के संदर्भ में मेरीकोम ने कहा, ‘‘मैं पहले भी नाजिम से भिड़ चुकी हूं और अतीत में कुछ टूर्नामेंटों में उसे हराया भी है। देखते हैं इस बार वह कैसी चुनौती देती है।’’

साक्षी को झोलेमन के खिलाफ जूझना पड़ा लेकिन भारतीय खिलाड़ी अंतत: धैर्य बरकरार रखते हुए जीत दर्ज करने में सफल रही। फाइनल में उनकी भिड़ंत उज्बेकिस्तान की सितोरा शोगदारोवा से होगी।

इससे पहले मोनिका दूसरी वरीय बाल्किबेकोवा की तेजी का जवाब नहीं दे पाई। बाल्किबेकोवा ने मोनिका के हमलों को आसानी से नाकाम किया और अपने ताबड़तोड़ मुक्कों ने भारतीय खिलाड़ी को पछाड़ा।

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके आशीष कुमार (75 किग्रा) को भी बुधवार रात एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता कजाखस्तान के आबिलखान अमानकुल के खिलाफ 2-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

नरेंदर (+91 किग्रा) को भी क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान के कामशिबेक कुनकाबायेव के खिलाफ 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी।

शुक्रवार को पांच भारतीय पुरुष मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सेमीफाइनल मुकाबले में उतरेंगे।

इनमें से पंघाल और विकास ओलंपिक में जगह बना चुके हैं।

भारत टूर्नामेंट में 15 पदक पक्के कर चुका है जो इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

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Web Title: Mary Kom and Sakshi in the finals of the Asian Championship

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