नई दिल्ली: दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और अनुभवी हॉकी फॉरवर्ड ललित उपाध्याय ने इसे अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत करने का समय बताया। टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले उपाध्याय ने इसे एक दशक से अधिक लंबे करियर को समाप्त करने का समय बताया है। 2014 के विश्व कप में पदार्पण करने वाले ललित के करियर में आधुनिक युग की कई बड़ी उपलब्धियां शामिल हैं।
ललित ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर संन्यास की घोषणा की
फारवर्ड ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की। ललित ने रविवार को बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग 2024-25 सीजन के यूरोपीय चरण के भारत के अंतिम मैच के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए यह घोषणा की, "यह यात्रा एक छोटे से गांव से शुरू हुई, जहां सीमित संसाधन थे, लेकिन सपने असीम थे।"
ललित ने पोस्ट किया, "एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक - एक बार नहीं, बल्कि दो बार - यह चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रास्ता रहा है।" उन्होंने कहा, "26 साल बाद अपने शहर से ओलंपियन बनना कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा सम्मान और कृतज्ञता के साथ रखूंगा।"
प्रतिभा के धनी और इसका भरपूर लाभ उठाने वाले ललित ने सीनियर स्तर पर भारत के लिए 183 मैच जीते और कुल मिलाकर 67 गोल किए। फॉरवर्ड लाइन में उनका नाम हमेशा से भरोसेमंद रहा है। ललित ने भारत के लिए आखिरी बार 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
ललित ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर संन्यास की घोषणा की
फारवर्ड ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की। ललित ने रविवार को बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग 2024-25 सीजन के यूरोपीय चरण के भारत के अंतिम मैच के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए यह घोषणा की, "यह यात्रा एक छोटे से गांव से शुरू हुई, जहां सीमित संसाधन थे, लेकिन सपने असीम थे।"
ललित ने पोस्ट किया, "एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक - एक बार नहीं, बल्कि दो बार - यह चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रास्ता रहा है।" उन्होंने कहा, "26 साल बाद अपने शहर से ओलंपियन बनना कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा सम्मान और कृतज्ञता के साथ रखूंगा।"
प्रतिभा के धनी और इसका भरपूर लाभ उठाने वाले ललित ने सीनियर स्तर पर भारत के लिए 183 मैच जीते और कुल मिलाकर 67 गोल किए। फॉरवर्ड लाइन में उनका नाम हमेशा से भरोसेमंद रहा है। ललित ने भारत के लिए आखिरी बार 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।