नई दिल्ली, 8 जून: हरियाणा सरकार के राज्य के खिलाड़ियों की कमाई का एक-तिहाई हिस्सा हरियाण राज्य खेल परिषद (स्पोर्ट्स काउंसिल) में जमा कराने का हालिया फरमान विवादों में घिरता दिख रहा है। महिला रेसलर बबीता फोगाट ने भी बीजेपी सरकार के इस फैसले की आलोचना करते विरोध जताया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार बबीता फोगाट ने कहा, 'क्या सरकार को अहसास है कि एक खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है। वे कमाई का एक तिहाई हिस्सा कैसे मांग सकते हैं? मैं इसका बिल्कुल समर्थन नहीं करती हूं। सरकार को कम से कम इस बारे में हमसे चर्चा करनी चाहिए थी।'
पहलवान सुशील कुमार ने भी सरकार को इस फैसले पर दोबारा सोचने को कहा है। सुशील कुमार ने कहा है कि उन्होंने दुनिया के किसी भी हिस्से में ऐसे आदेश नहीं सुने हैं। (और पढ़ें- कम विकेट लेकर भी भारतीय अंडर-19 टीम में कैसे चुने गए अर्जुन तेंदुलकर? चयनकर्ताओं ने दिया ये जवाब)
हरियाणा सरकार का विवादित फरमान
दरअसल, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हाल में एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि राज्य के हर एथलीट को अपनी कमाई का एक तिहाई हिस्सा सरकार के पास जमा कराना होगा। इसमें पेशेवर खेल सहित विज्ञापन से होने वाली कमाई भी शामिल है।
हरियाणा सरकार की ओर से इस बारे में नोटिस 30 अप्रैल, 2018 को जारी किया गया था। सरकार के अनुसार इन पैसों का इस्तेमाल राज्य में खेल के विकास के लिए किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार जो एथलीट राज्य सरकार के किसी विभाग में नियुक्त हैं, उन्हें टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी और उन्हें इस टूर्नामेंट्स से होनी वाली कमाई का एक तिहाई जमा कराना होगा।
बता दें कुछ दिनों पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रस्तावित ईनामी राशि हरियाणा सरकार द्वारा कम किए जाने के विवाद ने भी तूल पकड़ा था।(और पढ़ें- FIFA World Cup: इस गेम में खास तरह की गेंद होती है इस्तेमाल, जानिए 88 साल में क्या-क्या हुए बदलाव)