मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी ने ओलंपिक क्वालिफायर ट्रायल से बाहर किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, खेल मंत्रालय को लिखा
By भाषा | Updated: December 26, 2019 19:25 IST2019-12-26T19:25:43+5:302019-12-26T19:25:43+5:30
बिधुड़ी चीन के फरवरी में होने वाले क्वालीफायर के लिए 57 किग्रा ट्रायल में भाग लेना चाहते थे। लेकिन अमित पंघाल (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) को ट्रायल्स से छूट दे दी गयी।

मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी ने ओलंपिक क्वालिफायर ट्रायल से बाहर किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, खेल मंत्रालय को लिखा
विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज गौरव बिधुड़ी ने अगले साल होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के मद्देनजर आगामी ट्रायल्स के लिए चयन प्रक्रिया को चुनौती दी और इस मामले में खेल मंत्री किरेन रीजीजू के हस्तक्षेप की मांग की। रीजीजू, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केा लिखे पत्र में बिधुड़ी ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के बेलारी में 29 और 30 दिसंबर को होने वाले ट्रायल्स से अनुचित तरीके से बाहर रखा गया।
बिधुड़ी ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था से तंग आ चुका हूं। इस साल विश्व चैम्पियनशिप के पदकधारियों को सीधे ओलंपिक क्वालीफायर में प्रवेश दिया गया था। लेकिन जब मैंने 2017 में विश्व कांस्य पदक जीता था, लेकिन मुझे राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के ट्रायल में खेलने की अनुमति नहीं दी गयी थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस समय मुझे कहा गया था कि मैंने ज्यादा प्रतिस्पर्धाओं में भाग नहीं लिया था, इस बार मुझे कहा जा रहा है कि मैंने कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना नहीं किया। क्या कोई मुझे समझा सकता है कि यहां चयन का मानदंड क्या है? इसका कोई मतलब नहीं बनता।’’
बिधुड़ी चीन के फरवरी में होने वाले क्वालीफायर के लिए 57 किग्रा ट्रायल में भाग लेना चाहते थे। लेकिन अमित पंघाल (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) को ट्रायल्स से छूट दे दी गयी। रैंकिंग अंक प्रणाली के आधार पर 57 किग्रा वर्ग में ट्रायल्स के लिए कविंदर सिंह बिष्ट (विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में रह चुके और एशियाई रजत पदक विजेता), राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं मोहम्मद हसमुद्दीन और गौरव सोलंकी तथा पूर्व विश्व युवा चैम्पियन सचिन सिवाच को चुना गया। बिधुड़ी के आरोपों का जवाब देते हुए महासंघ के शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि इस मुक्केबाज को प्रदर्शन के आधार पर बाहर रखा गया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘लंबे समय से चयन नीति सार्वजनिक रही है। कोई भेदभाव नहीं किया गया है जैसा कि वह आरोप लगा रहे हैं। इसकी बारीकियों में नहीं जाना चाहता लेकिन रैंकिंग पूरी तरह से प्रदर्शन के आधार पर होती है। ’’ खेल मंत्री बीते समय में स्पष्ट कर चुके हैं कि वह चयन मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते क्योंकि यह ओलंपिक चार्टर का उल्लघंन होगा।