फुटबॉल के बादशाह का विवादों से रहा गहरा नाता
By भाषा | Published: November 26, 2020 03:37 PM2020-11-26T15:37:14+5:302020-11-26T15:37:14+5:30
मैक्सिको सिटी, 26 नवंबर (एपी) फुटबॉल के मैदान पर उनका जादू सिर चढकर बोलता था लेकिन मैदान के बाहर विवादों से डिएगो माराडोना का नाता कभी नहीं छूटा ।
माराडोना का 60 वर्ष की उम्र में बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया ।
ब्यूनस आयर्स के करीब विला फियोरिटो से फुटबॉल का अपना सफर शुरू करने वाले माराडोना इस खूबसूरत खेल के सबसे बड़े खिलाड़ी बने ।उन्होंने अर्जेटीनोस जूनियर्स के जरिये पेशेवर फुटबॉल में कदम रखा और फिर बोका जूनियर्स का हिस्सा रहे । इसी टीम के साथ उन्होंने पहला खिताब जीता ।
उन्होंने बार्सीलोना क्लब के साथ तीन खिताब जीते लेकिन फुटबॉल के इतिहास में उनका नाम दर्ज हुआ 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना को मिली खिताबी जीत के साथ । इसी टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ‘खुदा के हाथ’ वाला गोल दागा था ।
फुटबॉल विशेषज्ञ इस बहस को अंजाम तक नहीं पहुंचा सके कि माराडोना और पेले में से कौन महानतम है ।
अमेरिका में 1994 विश्व कप में डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद बाहर किये गए माराडोना का खराब दौर शुरू हुआ । नशे की लत और विवादों ने उनकी परेशानियों में इजाफा किया । उन्होंने 1997 में बतौर खिलाड़ी फुटबॉल से विदा ली लेकिन अर्जेंटीना के कोच बने ।
मैदान से बाहर वह बेलागपन के लिये मशहूर थे और उनकी विचारधारा वामपंथी थी । वह क्यूबाई क्रांति के नेता फिडेल कास्त्रो के करीबी दोस्त थे और वेनेजुएला के दिवंगत राष्ट्रपति हुजो चावेज के भी करीबी थे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।