FIFA World Cup Qatar 2022: बस एक कदम दूर, फुटबॉल महासमर में पहले कदम पर मात, हार नहीं मानने का जज्बा और सपना पूरा करने का जुनून..., जानें उस शख्स की कहानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 14, 2022 03:06 PM2022-12-14T15:06:00+5:302022-12-14T15:06:53+5:30
FIFA World Cup Qatar 2022: मात्र 11 बरस की उम्र में ग्रोथ हार्मोन की कमी (जीएचडी) जैसी बीमारी से जूझने से लेकर दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शामिल होने तक मेस्सी का सफर जुनून, जुझारूपन और जिजीविषा की अनूठी कहानी है।
FIFA World Cup Qatar 2022: फुटबॉल का महासमर, पहले कदम पर मिली हार लेकिन हार नहीं मानने का जज्बा और सपना पूरा करने का जुनून । वह सपना जो लियोनेल मेस्सी पिछले दो दशक से देख रहे हैं और अब कैरियर के आखिरी पड़ाव पर उसे पूरा करने के लिये बस एक आखिरी तिलिस्म तोड़ना है।
मात्र 11 बरस की उम्र में ग्रोथ हार्मोन की कमी (जीएचडी) जैसी बीमारी से जूझने से लेकर दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शामिल होने तक मेस्सी का सफर जुनून, जुझारूपन और जिजीविषा की अनूठी कहानी है और रविवार को फाइनल में अगर वह टीम को खिताब दिला पाते हैं तो फुटबॉल के इतिहास की जीवित किवदंती बन जायेंगे।
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मेस्सी का नाम पेले और डिएगो माराडोना जैसे महानतम खिलाड़ियों की सूची में दर्ज हो जायेगा
रविवार को फ्रांस या मोरक्को को हराकर अर्जेंटीना अगर विश्व कप जीत लेता है तो मेस्सी का नाम पेले और डिएगो माराडोना जैसे महानतम खिलाड़ियों की सूची में दर्ज हो जायेगा। इस बहस पर भी विराम लग जायेगा कि माराडोना और मेस्सी में से कौन महानतम है। देश के लिये खिताब नहीं जीत पाने के मेस्सी के हर घाव पर भी मरहम लग जायेगा।
सात बार बलोन डिओर, रिकॉर्ड छह बार यूरोपीय गोल्डन शूज, बार्सीलोना के साथ रिकॉर्ड 35 खिताब, ला लिगा में 474 गोल , एक क्लब (बार्सीलोना) के लिये सर्वाधिक 672 गोल कर चुके मेस्सी को विश्व कप नहीं जीत पाने की टीस हमेशा से रही है । उन्हें पता है कि यह उनके पास आखिरी मौका है और इसे यादगार बनाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते ।
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अर्जेंटीना ने जब आखिरी बार 1986 में विश्व कप जीता
अर्जेंटीना ने जब आखिरी बार 1986 में विश्व कप जीता तब माराडोना देश के लिये खुदा बन गए। उनके आसपास पहुंचने वाले सिर्फ मेस्सी थे लेकिन विश्व कप नहीं जीत पाने से उनकी महानता पर ऊंगलियां गाहे बगाहे उठती रहीं । ऊंगली तब भी उठी जब 2014 में फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को एक गोल से हरा दिया था ।
सवाल तब भी उठे जब इस विश्व कप के पहले ही मैच में सउदी अरब ने मेस्सी की टीम पर अप्रत्याशित जीत दर्ज की । उस हार ने मानो अर्जेंटीना और मेस्सी के लिये किसी संजीवनी का काम किया । मैच दर मैच दोनों के प्रदर्शन में निखार आता गया और पिछली उपविजेता क्रोएशिया को एकतरफा सेमीमुकाबले में हराकर वह फुटबॉल के सबसे बड़े समर के फाइनल में पहुंच गए ।
मेस्सी और पूरे अर्जेंटीना को जीत के जश्न में सराबोर कर दिया
इस जीत के सूत्रधार भी मेस्सी ही रहे जिन्होंने 34वें मिनट में पेनल्टी पर पहला गोल दागा और फिर जूलियर अलकारेज के दोनों गोल में सूत्रधार की भूमिका निभाई । आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे अपने देशवासियों के लिये मसीहा बन गए मेस्सी और पूरे अर्जेंटीना को जीत के जश्न में सराबोर कर दिया ।
Another #FIFAWorldCup Final for Argentina! 🇦🇷✨
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मेस्सी का विश्व कप का सफर 2006 में शुरू हुआ और अब तक वह सबसे ज्यादा 25 मैच खेल चुके हैं । विश्व कप के इतिहास में अर्जेंटीना के लिये सर्वाधिक 11 गोल कर चुके हैं । उम्र को धता बताकर इस विश्व कप में चार गोल, दो में सूत्रधार की भूमिका निभाने के बाद तीन ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ के पुरस्कार जीत चुके हैं ।
क्लब करियर की शुरुआत 17 वर्ष की उम्र में की
रोसारियो में 1987 में एक फुटबॉल प्रेमी परिवार में जन्मे मेस्सी ने पहली बार घर के आंगन में अपने भाइयों के साथ जब फुटबॉल खेला तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में उनका नाम शुमार होगा । बार्सीलोना के लिये लगभग सारे खिताब जीत चुके पेरिस सेंट जर्मेन के इस स्टार स्ट्राइकर ने 2004 में बार्सीलोना के साथ अपने क्लब करियर की शुरुआत 17 वर्ष की उम्र में की ।
The first player to win 🔟 @Budweiser Player of the Match awards. Lionel Messi is #FIFAWorldCup royalty. 👑#POTM#YoursToTake#BringHomeTheBud@budfootballpic.twitter.com/arbsmePtJl
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उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में पहला बलोन डिओर जीता । अगस्त 2021 में बार्सीलोना से विदा लेने से पहले वह क्लब फुटबॉल के लगभग तमाम रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके थे । मेस्सी ने विश्व कप में पदार्पण 2006 में जर्मनी में सर्बिया और मोंटेनीग्रो के खिलाफ ग्रुप मैच में किया जिसे देखने के लिये माराडोना भी मैदान में मौजूद थे ।
पांच मैचों में मेस्सी एक भी गोल नहीं कर सके
18 वर्ष के मेस्सी 75वें मिनट में सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान पर उतरे थे । बीजिंग ओलंपिक 2008 में अर्जेंटीना ने फुटबॉल का स्वर्ण पदक जीता तो 2010 विश्व कप में मेस्सी से अपेक्षायें बढ़ गईं । अर्जेंटीना को क्वार्टर फाइनल में जर्मनी ने हराया और पांच मैचों में मेस्सी एक भी गोल नहीं कर सके ।
Messi x Aguero 🥹❤️#FIFAWorldCup | #Qatar2022
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चार साल बाद ब्राजील में अकेले दम पर टीम को फाइनल में ले जाने वाले मेस्सी अपने आंसू नहीं रोक सके जब उनकी टीम एक गोल से हार गई । इसके बाद 2018 में रूस में पहले नॉकआउट मैच में अर्जेंटीना को फ्रांस ने 4 . 3 से हरा दिया और तीन में से दो गोल मेस्सी के नाम थे । पिछले चार साल में इस महान खिलाड़ी ने एक ही सपना देखा ...विश्व कप जीतने का ।
क्वार्टर फाइनल में मिली जीत के बाद खुद मेस्सी ने कहा था ,‘‘डिएगो आसमान से हमें देख रहे हैं और विश्व कप जीतने के लिये प्रेरित कर रहे हैं । उम्मीद है कि आखिरी मैच तक वह ऐसा ही करते रहेंगे ।’’ माराडोना के करिश्मे को फिर दोहराने के लिये मेस्सी के पास रविवार का फाइनल है जिसका इंतजार अर्जेंटीना के साथ पूरी दुनिया को है ।