कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सुशील कुमार की नजर गोल्ड मेडल की 'हैट्रिक' पर, साक्षी का भी दिखेगा दम
By विनीत कुमार | Updated: March 27, 2018 07:28 IST2018-03-27T07:28:28+5:302018-03-27T07:28:28+5:30
बबीता कुमारी भी 2014 में गोल्ड और इससे पहले 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीतने में कामयाब रही हैं।

सुशील कुमार
ऑस्ट्रेलिया में 4 अप्रैल से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में फैंस की नजरें भारतीय पहलवानों पर होंगी। वैसे भी, राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पहलवान बहुत हद तक अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर उम्मीदें भारतीय पहलवानों से हैं। बात चाहे पुरुष वर्ग में ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाले सुशील कुमार की करें या फिर महिलाओं में बबीता कुमारी से लेकर साक्षी मलिक और विनेश फोगाट तक की, भारत कुछ मेडल्स की आस तो इन पहलवानों से लगा ही सकता है। आईए, नजर डालते हैं, इस बार कैसी है तैयारी और क्या हैं उम्मीदें...
सुशील कुमार और बजरंग से उम्मीदें: कई विवादों के कारण चर्चा में रहे सुशील ग्लासगो में 2014 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद संभवत: पहली बार किसी बड़े इवेंट में अपना दम दिखाते नजर आएंगे। सुशील पिछले कुछ महीनों से चोट के कारण बाहर थे और उन्होंने घुटने की चोट के कारण एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं लिया। सुशील 2010 में दिल्ली में और फिर 2014 में ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे। इस बार वह 74 किलोग्राम वर्ग में उतरेंगे।
सुशील कुमार के बाद बजरंग से भी बड़ी उम्मीद है। ग्लासगो में वह गोल्ड नहीं जीत सके थे और उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा। बजरंग 65 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा ले रहे हैं। इन दोनों के अलावा सभी चार पुरुष पहलवान पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए चुनौती पेश करेंगे। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए 325 सदस्यीय भारतीय दल जाएगा ऑस्ट्रेलिया, खेल मंत्रालय की मंजूरी)
भारती पुरुष टीम (कुश्ती): सुशील कुमार (74 किलोग्राम), राहुल बालासाहेब (57 किलोग्राम), बजरंग (65 किलोग्राम), मौसम खतरी (97 किलोग्राम), सोमवीर (86 किलोग्राम), और सुमित (125 किलोग्राम)
भारतीय महिला दल से भी उम्मीदें
रियो में 58 किलोग्राम वर्ग में कांस्य मेडल जीतने वाली साक्षी मलिक ने ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों (2014) में सिल्वर जीता था। ऐसे में इस बार उनकी नजरें निश्चित तौर पर गोल्ड पर होंगी। पिछले साल जोहांसबर्ग में हुए कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप्स में स्वर्ण जीतकर साक्षी ने अपने इरादे जता दिए हैं। साथ ही साक्षी ने कुछ दिन पहले भी यह भी बताया था कि वह इस बार नई रक्षात्मक तकनीक के साथ मैट पर उतरेंगी जिसे भेदना उनके विपक्षी पहलवानों के लिए मुश्किल होगा।
वहीं विनेश ने पर एक बार फिर गोल्ड मेडल को बरकरार रखने का दारोमदार होगा। विनेश फोगाट ने ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता था। इसके बाद एशियन गेम्स में भी उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता। विनेश इस बार 50 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा ले रही हैं। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: बॉक्सिंग से कितने मिलेंगे मेडल और मैरी कॉम समेत किन पर होंगी निगाहें, जानिए)
विनेश की बहन बबीता कुमारी भी 2014 में गोल्ड और इससे पहले 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीतने में कामयाब रही हैं। बबीता ने 2014 में 55 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड जीता था और इस बार भी वे 53 किलोग्राम वर्ग में दांव आजमाएंगी। ऐसे में उनसे भी मेडल की उम्मीद है।
महिला दल (कुश्ती): बबीता कुमारी (53 किलोग्राम), काकरन दिव्या (68 किलोग्राम), किरण (76 किलोग्राम), साक्षी मलिक (62 किलोग्राम), पूजा ढांढ़ा (57 किलोग्राम), विनेश फोगाट (50 किलोग्राम)। कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें