नई दिल्ली: दुनिया भर में फुटबॉल संचालित करने वाली संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल संघ को 16 अगस्त को मंगलवार को निलंबित कर दिया था। इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय से इस मसले पर आपात सुनवाई करने की अपील की थी। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को बैन हटाने के लिए कोशिश करनी चाहिए। अदालत को जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 के आयोजन को लेकर फीफा के साथ दो बैठकें हो चुकी हैं। उम्मीद है कि फीफा और भारतीय फुटबॉल संघ के बीच मामला सुलझ सकता है।
क्या है पूरा मामला
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर खेल मंत्रालय ने भारतीय फुटबॉल संघ प्रफुल्ल पटेल को हटाकर कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA) का गठन किया था। फीफा सरकार के इस फैसले से नाराज है। फीफा की तरफ से कहा गया है कि वह थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप को नहीं मानता। वह युवा एवं खेल मंत्रालय के संपर्क में भी है। उम्मीद है कि जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा। इसके साथ फीफा ने चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही हस्तक्षेप बंद नहीं हुआ तो भारत से फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी को भी छीना जा सकता है।
बता दें कि प्रफुल्ल पटेल साल 2009 से ही भारतीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष थे भारतीय खेल कोड के अनुसार कोई भी व्यक्ति 3 बार से अधिक के कार्यकाल के लिए अध्यक्ष नहीं बन सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही खेल मंत्रालय ने प्रशासकों की समिति का गठन किया था जिसे फीफा ने बाहरी दखल माना।
अगर जल्द ही यह मामला नहीं सुलझा तो भारत की पुरुष और महिला फुटबॉल टीम की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। दोनो टीमों को कई मैच खेलने हैं। अगर भारतीय फुटबॉल संघ से प्रतिबंध नहीं हटा तो ये सारे मैच रद्द हो जाएंगे। इसी साल भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन भी होना है जिसके सफल आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट फीफा को लिखित गारंटी पर अपनी मुहर लगा चुकी है।