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एशियन गेम्स, 12वां दिन: 1951 के बाद एथलेटिक्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, हॉकी में हार से ओलंपिक की राह मुश्किल

By भाषा | Updated: August 30, 2018 23:46 IST

भारत ने पिछले खेलों में 57 पदक जीते थे लेकिन अब उसके पदकों की संख्या 59 तक पहुंच गई है।

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जकार्ता, 30 अगस्त: ट्रैक एंड फील्ड खिलाड़ियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 18वें एशियन गेम्स के 12वें दिन गोल्ड मेडल हासिल करने का अभियान जारी रखते हुए लगभग सात दशक (1951 में हुए पहले एशियन गेम्स) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हालांकि, हॉकी टीम की हार के कारण भारत के पिछले खेलों के पदकों की संख्या को पार करने की चमक कुछ फीकी हो गई।

अनुभवी जिनसन जॉनसन और महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं के अंतिम दिन छाए रहे। भारत ने इस स्पर्धा का अंत सात स्वर्ण, 10 रजत और दो कांस्य पदक के साथ किया जो 1951 से उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

इंचियोन में मिले पदकों से आगे पहुंचा भारतीय दल 

भारत ने पिछले खेलों में 57 पदक जीते थे लेकिन आज उसके पदकों की संख्या 59 तक पहुंच गई जबकि अभी दो दिन की प्रतियोगिताएं बाकी हैं। भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या भी 13 तक पहुंच गई जो 2014 से दो अधिक है।

जॉनसन 800 मीटर दौर के स्वर्ण पदक की दौड़ में हमवतन मनजीत सिंह से पिछड़ गए थे लेकिन आज वह इसकी भरपाई करने में सफल रहे। जॉनसन ने तीन मिनट 44 .72 सेकेंड के समय के साथ ईरान के आमिर मोरादी (तीन मिनट 45 . 62 सेकेंड) को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। आमिर का यह सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

महिलाओं की 4x400 मीटर रिले में बादशाहत बरकरार

भारत की चार गुणा 400 मीटर महिला रिले टीम ने इस स्पर्धा में अपने दबदबे को कायम रखते हुए लगातार पांचवां स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हिमा दास, एमआर पूवम्मा, सरिताबेन गायकवाड़ और विस्मया वेलुवा कोरोथ की भारतीय महिला चौकड़ी ने तीन मिनट और 28.72 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता। यह लगातार पांचवीं बार है जब भारत ने इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता है।

भारतीय पुरुष रिले टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। कुन्हु मोहम्मद, धारुन अय्यासामी, मोहम्मद अनस और आरोकिया राजीव ने तीन मिनट 01.85 सेकेंड का समय निकालकर दूसरा स्थान हासिल किया। कतर ने तीन मिनट 00.56 सेकेंड के एशियाई रिकार्ड समय से स्वर्ण पदक जीता। 

सीमा पूनिया ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

चक्का फेंक की अनुभवी खिलाड़ी सीमा पूनिया ने छह साल का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 62.26 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक हासिल किया। सीमा 2014 में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही थी। भारत की एशियाई चैंपियन पीयू चित्रा ने 1500 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। चित्रा ने मौजूदा सत्र में एशिया में सर्वश्रेष्ठ समय निकाला है लेकिन उन्हें चार मिनट 12.56 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

हॉकी में मिली निराशा, टोक्यो ओलंपिक की राह मुश्किल

भारत को सबसे बड़ा झटका हॉकी में लगा जब गत चैम्पियन टीम को मलेशिया के खिलाफ पेनल्टी शूटऑफ में हराकर एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गई और टोक्यो ओलंपिक 2020 में सीधे प्रवेश का मौका भी गंवा दिया ।  मलेशियाई टीम ने सडन डैथ में भारत को 7-6 से हराया। भारत कांस्य पदक के प्ले आफ में आठ बार के चैंपियन पाकिस्तान से भिड़ेगा। पाकिस्तान को एक अन्य सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ 0-1 से हार का सामना करना पड़ा।

मलेशिया ने आठ साल पहले ग्वांग्झू में भारत को सेमीफाइनल में हराया था। भारतीयों ने निर्धारित समय और शूटआफ में कई मौके गंवाये। दोनों टीमें 60 मिनट के बाद 2-2 से बराबरी पर थी । शूट ऑफ में मलेशिया ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार एशियाड फाइनल में प्रवेश किया। भारत ने ग्रुप चरण में 76 गोल किये लेकिन सडन डैथ में एस वी सुनील मौका चूक गए। आकाशदीप सिंह और हरमनप्रीत सिंह पहले पांच शाट में गोल कर सके जबकि मनप्रीत, दिलप्रीत सिंह और सुनील चूक गए। 

भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने स्वीकार किया, 'मलेशिया जीत का हकदार था। हमने काफी गलतियां की और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। हम चीजों को सामान्य नहीं रख पाए। हमने अपना भारतीय कौशल दिखाने की कोशिश की और ऐसा करते हुए लय गंवा दी। यह भारतीय हाकी के लिए बड़ा झटका है। ओलंपिक के लिए राह अब कहीं अधिक मुश्किल होगी। हमने क्वालीफाई करने का सबसे आसान मौका गंवा दिया।' 

वालीबाल और सेपकटकरा जैसे खेलों में भारत का खराब प्रदर्शन जारी रहा। स्क्वैश में भारतीय महिला टीम को ग्रुप बी के महत्वपूर्ण मुकाबले में हांगकांग के खिलाफ 1-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे सेमीफाइनल में उसे गत चैंपियन मलेशिया के रूप में कड़े प्रतिद्वंद्वी से भिड़ना होगा।

सीनियर खिलाड़ियों दीपिका पल्लीकल कार्तिक और जोशना चिनप्पा को जोए चेन और एनी एयू के खिलाफ क्रमश: 1-3 और 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। दीपिका की रिश्ते की बहन सुनयना कुरुविल्ला ने दूसरे एकल में जे लोक हो को हराकर भारत को मुकाबले में बनाए रखा था।

खेलों में पदार्पण कर रही सुनयना मैच में पहले दो गेम गंवा चुकी थी और फिर पांचवें और निर्णायक गेम में भी 7-10 से पीछे थी लेकिन रैफरी के कुछ विवादास्पद फैसलों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। सुनयना ने अंतिम अंक तक संघर्ष करते हुए जे लोक हो को 5-11, 13-15, 11-6, 11-9, 14-12 से हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की।

टेबल टेनिस में राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अचंत शतर कमल और मनिका बत्रा ने एकल स्पर्धाओं के प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। दोनों ने कल मिश्रित युगल में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था।

टॅग्स :एशियन गेम्सहॉकीहिमा दास
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