जकार्ता, 24 अगस्त: दुष्यंत सिंह ने 18वें एशियन गेम्स के छठे दिन शुक्रवार को भारत का मेडल खाता खोलते हुए रोइंग (नौकायन) में ब्रॉन्ज मेडल जीता। दुष्यंत ने पुरुषों के लाइटवेट सिंगल स्कल्स में 7 मिनट 18.76 सेकेंड का समय निकालते हुए भारत को छठे दिन का पहला मेडल दिलाया।
दुष्यंत के लिए देश को ये मेडल दिलाना आसान नहीं रहा और हाई ब्लड प्रेशर और थकान की वजह से उनकी हालत इतनी खराब थी कि वह फिनिश लाइन पर गिर पड़े। दुष्यंत की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वह मेडल लेने के लिए पोडियम पर भी खड़े नहीं पाए और तुरंत ही उन्हें स्ट्रेचर से ले जाना पड़ा और ग्लूकोज के ड्रिप लगाने पड़े।
2014 में इंचियोन एशियन गेम्स में भी रोइंग का ब्रॉन्ज जीतने वाले दुष्यंत ने इस खेल में अपना करियर 2012 में रुड़की आर्मी ट्रेनिंग कैंप से शुरू किया था। उन्हें 2013 में नेशनल चैंपियनशिप के दौरान सर्वश्रेष्ठ रोवर घोषित किया गया था।
हरियाणा के किसान के बेटे दुष्यंत ने सेना में बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप से जुड़ते हुए 2012 में रोइंग खेलना शुरू किया था। दो साल के अंदर ही दुष्यंत ने 2014 के इंचियोन एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ब्रॉन्ज मेडल जीता।
दुष्यंत को सेना द्वारा 2016 रियो ओलंपिक के देश के चार सबसे बेहतरीन रोवर्स में से चुना गया था लेकिन चिकन पॉक्स होने के कारण वह इन खेलों में हिस्सा नहीं ले सके।