उज्जैन जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग में शुक्रवार सुबह से हड़ताल की स्थिति बन गई है। उद्योग में कार्यरत हजारों श्रमिक कार्य पर नहीं गए। उद्योग परिसर में मजदूरों ने डेरा डाल दिया है। महिला ठेका श्रमिक भी गेट पर धरने पर बैठ गई है।
गुरूवार अपरांन्ह उघोग की गेट मिटिंग के दौरान 5 साल वेतन वृद्धि समझौते के दौरान श्रमिकों में असंतोष फूट पड़ा था। इस दौरान खासी लाठीबाजी हुई थी। देर रात मामले में पुलिस ने श्रमिक नेताओं सहित 8 लोगों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया था। गुरूवार रात्रि पाली से ही गिनती के मजदूर कार्य पर गए। शुक्रवार सुबह और दोपहर की शिफ्ट में भी यही स्थिति देखी गई। यहां तक की जनरल शिफ्ट सुबह 8-5 जिसमें सर्वाधिक श्रमिक जाते हैं उसमें भी करीब 25फीसदी के श्रमिकों के ही उघोग में पहुंचने की जानकारी सामने आ रही है।
उद्योग तीन शिफटों में लगातार चलता है। यह बात सामने आ रही कि गुरूवार को दोपहर अर्थात 3 बजे की पाली में गए मजदूरों के भरोसे ही उद्योग चल रहा है सैकड़ों मजदूर अंदर ही है उद्योग के मुख्य प्रवेश द्वार पर श्रमिक डटे हुए हैं इनमें महिला ठेका श्रमिक भी शामिल हैं। पुलिस - प्रशासन पुरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उद्योग में इस प्रकार की अशांति गुरूवार शाम को मजदूरों की 5 साल के वेतन वृद्धि के समझौते की सभा में भारतीय मजदूर संघ के प्रधानमंत्री जोधसिंह राठौर की एक श्रमिक के साथ कथित आपत्तिजनक व्यवहार के बाद बनी बताई जा रही है,यह बात अलग है कि बाद में इससे जोधसिंह ने इंकार करते हुए अपना स्पष्टीकरण दिया था। इसी दौरान श्रमसंगठन के कार्यकर्ता एवं मजदूरों के बीच तनाव से लाठियां भी चली थी। जिसमें दो श्रमिकों को चोटे आई है।
पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर 8 लोगों के खिलाफ गुरूवार रात प्रकरण दर्ज किया था। इस घटनाक्रम में उद्योग में कार्यरत सैकड़ों मजदूर इस बात को लेकर भडक़ गए थे कि हाल में पांचवर्षीय वेतनवद्धि का जो समझौता हुआ उससे वे असंतुष्ट है। ठेका मजदूर इस बात से नाराज है कि उनका पैसा बहुत कम बढाया गया है।
बैठक का दौर जारी-
शुक्रवार को श्रमिक अशांति के हालात बनने की स्थिति में उघोग के खेल परिसर में सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एवं उघोग और श्रम संघ के पदाधिकारी शामिल थे।मजदूरों की हड़ताल स्थिति के दौरान परिसर में कोई भी ट्रेडयूनियन का नेता दिखाई नहीं दिया। मजदूरों ने स्वयं मोर्चा संभाल रखा है।
प्रेस से बातचीत में बचते रहे उघोग अधिकारी-
मजदुरों का कहना था कि गुरूवार को जो श्रमिक अंदर गए थे उनके दम पर ही उघोग का संचालन किया जा रहा है।अगले 12 घंटे यही स्थिति रही तो उघोग में शट डाउन की नौबत बन सकती है हालांकि गैर अधिकृत स्थिति में उघोग अधिकारी इस बात का दावा कर रहे हैं कि सभी मशीनें संचालित की जा रही है,उत्पादन यथावत है। उघोग में 1700 स्थायी और करीब 3500 के करीब अस्थायी ठेका श्रमिक कार्यरत बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि ग्रेसिम उद्योग में स्टेपल फाइबर का निर्माण प्रतिदिन औसतन लगभग 425 टन होता है। उद्योग लगातार 24 घंटे चलता है। तीन पालियों में मजदूर कार्य करते हैं। जनरल पाली सुबह 8 से शाम 5 बजे तक चलती है। इस पाली में सर्वाधिक मजदूर कार्य करते हैँ। शुक्रवार को जो हड़ताल हुई है वों जनरल शिफ ट से हुई है इसलिए उद्योग में कई कार्य प्रभावित होना तय माना जा रहा है। इसे लेकर उघोग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास से उनके मोबाईल नंबर 9303214244 पर संपर्क और संदेश भेज कर वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास किया गया लेकिन नो रिप्लाय की स्थिति बनी रही।