महाराष्ट्र सत्ता संग्राम: BJP की ओर से SC में पेश होंगे मुकुल रोहतगी, शिवसेना-एनसीपी व कांग्रेस ने दर्ज की है याचिका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 24, 2019 10:55 AM2019-11-24T10:55:48+5:302019-11-24T10:55:48+5:30
सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई आज सुबह 11:30 होनी है। कोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में आज फैसला सुना सकती है। सभी पार्टियों ने कोर्ट से विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए तुरंत ‘शक्ति परीक्षण’ कराने का भी अनुरोध किया है।
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने शनिवार रात उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई आज सुबह 11:30 होनी है। कोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में आज फैसला सुना सकती है। सभी पार्टियों ने कोर्ट से विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए तुरंत ‘शक्ति परीक्षण’ कराने का भी अनुरोध किया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि वरिष्ट अधिवक्ता मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र भाजपा की ओर से अपना पक्ष रखेंगे।
Senior advocate Mukul Rohatgi to appear for #Maharashtra BJP in Supreme Court today. SC will be hearing today at 11.30 am the joint plea of Shiv Sena, NCP & Indian National Congress against the decision of Maharashtra Governor inviting Devendra Fadnavis to form govt yesterday. pic.twitter.com/pMLJG2ttH2
— ANI (@ANI) November 24, 2019
इस याचिका पर उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ रविवार को सुनवाई करेगी। शीर्ष न्यायालय में इस मामले पर सुबह साढ़े ग्यारह बजे सुनवाई शुरू होगी। तीनों पार्टियों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करने का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश देने की भी मांग की।
यह भी कहा गया है कि उनके पास 144 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने ‘भेदभावपूर्ण व्यवहार’ किया और ‘‘भाजपा द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने में उन्होंने खुद को मोहरा बनने दिया।’’ तीनों दलों ने 24 घंटे के भीतर तुरंत शक्ति परीक्षण कराने का भी अनुरोध किया, ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त को और महा विकास आघाडी (एमवीए) को मिलाकर किसी भी तरह से सत्ता हासिल करने के अवैध प्रयासों को रोका जा सके। तीनों दलों की तरफ से वकील सुनील फर्नांडिस द्वारा दायर याचिका में कहा गया, ‘‘...राज्यपाल ने भेदभावपूर्ण तरीके से काम किया और राज्यपाल पद की गरिमा का मजाक बनाया।’’ इसमें कहा गया कि कोश्यारी का शनिवार का कृत्य ‘‘23 नवंबर को शपथ ग्रहण कराना केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर राज्यपाल के काम करने का सटीक उदाहरण है।’’ याचिका में कहा गया कि इस मामले के तथ्य दर्शाते हैं कि राज्यपाल ने ‘‘संवैधानिक पद की गरिमा को कमतर किया और अवैध तरीके से सत्ता हड़पने की भाजपा की इच्छा के लिये खुद को मोहरा बना दिया।’’
फर्नांडिस के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि ‘‘भाजपा की अल्पमत वाली सरकार’’ बनवाने का राज्यपाल का कार्य अवैध और असंवैधानिक है। इसमें आगे कहा गया कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में संयुक्त रूप से ‘‘स्पष्ट बहुमत’’ है और यह स्पष्ट है कि भाजपा के पास ‘‘144 विधायकों का जरूरी आंकड़ा नहीं है।’’ फडणवीस को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किये जाने के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया कि यह, ‘‘असंवैधानिक, मनमाना और अवैध’’ तथा संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने एक अलग याचिका दायर कर राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह विधायकों के शपथ लेने और शक्ति परीक्षण के लिये विशेष सत्र बुलाएं। भाषा प्रशांत धीरज धीरज