मराठा आरक्षण के मुद्दे पर फिर गर्म हुई महाराष्ट्र की सियासत, सीएम शिंदे को आना पड़ा सामने, कही ये बात
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 2, 2023 21:36 IST2023-09-02T21:34:19+5:302023-09-02T21:36:27+5:30
मराठा समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा तथा नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर जालना में भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद अब राज्य की राजनीति भी गर्म हो गई है। सरकार को घिरता देख मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खुद सामने आना पड़ा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर से आंदोलन तेज हो गया है। मराठा समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा तथा नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर जालना में भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद अब राज्य की राजनीति भी गर्म हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने से शनिवार को मांग की कि केंद्र सरकार संसद के आगामी विशेष सत्र में मराठा और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित करे।
मराठा आरक्षण मामले पर सरकार को घिरता देख मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को खुद सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा, "नवंबर 2014 में, जब तत्कालीन सीएम देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में गठबंधन (युति) सरकार सत्ता में थी, तब सरकार ने मराठा आरक्षण की घोषणा की थी। हाई कोर्ट ने भी सरकार द्वारा लिए गए मराठा आरक्षण के फैसले को बरकरार रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अलग फैसला लिया। हर कोई जानता है कि यह किसी की लापरवाही के कारण है। मराठा आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में है। राज्य सरकार इस मामले को अदालत में लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ कठिनाइयां हैं, और राज्य सरकार उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है।"
Mumbai | In November 2014, when the coalition (Yuti) government was in power under the leadership of then CM Devendra Fadnavis, the government announced the Maratha Reservation. The High Court also upheld the Maratha Reservation decision taken by the government. But the Supreme… pic.twitter.com/MFqQnHXxkn
— ANI (@ANI) September 2, 2023
बता दें कि संभाजी नगर से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से ही मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की।
महाराष्ट्र के जालना जिले में शुक्रवार को अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। पुलिस को यह कथित कार्रवाई तब करनी पड़ी, जब प्रदर्शन स्थल पर मौजूद लोगों ने पुलिसकर्मियों को भूख हड़ताल कर रहे एक व्यक्ति को अस्पताल नहीं ले जाने दिया।
शुक्रवार को जालना में हिंसा में कम से कम 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए और कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया। इस संबंध में 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।