महाराष्ट्र में एनआरसी से एससी/एसटी के 98 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे: राकांपा विधायक
By भाषा | Updated: December 29, 2019 20:11 IST2019-12-29T20:11:45+5:302019-12-29T20:11:45+5:30
अव्हाड ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा नियुक्त समिति के हवाले से दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में एससी और एसटी की 98 प्रतिशत जनसंख्या के पास दस्तावेज नहीं हैं’’ और इसलिए एनआरसी के नागरिकता प्रावधान के दायरे से वे बाहर रहेंगे।

महाराष्ट्र में एनआरसी से एससी/एसटी के 98 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे: राकांपा विधायक
राकांपा नेता जितेन्द्र अव्हाड ने रविवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) कवायद चलाई गई तो इसका कड़ा विरोध किया जायेगा। उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से लगभग 98 प्रतिशत लोगों के पास इसके लिए दस्तावेज नहीं हैं।
अव्हाड ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा नियुक्त समिति के हवाले से दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र में एससी और एसटी की 98 प्रतिशत जनसंख्या के पास दस्तावेज नहीं हैं’’ और इसलिए एनआरसी के नागरिकता प्रावधान के दायरे से वे बाहर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि 48 एससी/एसटी संगठनों ने हाल में उनसे मुलाकात की थी और एनआरसी तथा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ संयुक्त रूप से संघर्ष करने का संकल्प व्यक्त किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘दस्तावेज नहीं होने पर, आप एससी/एसटी समुदायों (महाराष्ट्र में) के दो करोड़ लोगों से यह साबित करने की कैसे उम्मीद कर सकते है कि वे देश के नागरिक हैं? आने वाले दिनों में एनआरसी और सीएए के खिलाफ कड़ा विरोध होना तय है।’’