कोविड-19ः नागपुर में आरटीओ कार्यालय, वाहन सैनिटाइज करने के नाम पर 300 से 500 रुपए उगाही
By वसीम क़ुरैशी | Updated: July 31, 2020 14:51 IST2020-07-31T14:51:25+5:302020-07-31T14:51:25+5:30
खेतों में कीटनाशक द्रव्य का छिड़काव करने के उपयोग में लाए जाने वाले स्प्रे पंप लादकर यहां कुछ युवक खड़े रहते हैं. मौके और जरूरत को भांपते हुए कार्यालय परिसर में ही ये धंधा चल रहा है.

रसायन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर को दिखाने के बाद खुद वाहन मालिक वाहन के भीतरी हिस्सों में उनके सामने इसका छिड़काव कर सकता है. (file photo)
नागपुर: कोविड-19 के असर के दौरान आरटीओ कार्यालय में कुछ टैक्स अदा करने के अलावा इन दिनों वाहन मालिकों को एक और खर्च वहन करना पड़ रहा है.
गाड़ी पासिंग से पूर्व वाहनों को सैनिटाइज कराने के नाम पर 300 से 500 रुपए वसूले जा रहे हैं. खेतों में कीटनाशक द्रव्य का छिड़काव करने के उपयोग में लाए जाने वाले स्प्रे पंप लादकर यहां कुछ युवक खड़े रहते हैं. मौके और जरूरत को भांपते हुए कार्यालय परिसर में ही ये धंधा चल रहा है.
ग्रामीण आरटीओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार परिसर में इस तरह से 6-7 व्यक्ति सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं. हालांकि परिवहन कार्यालय की ओर से किसी एजेंसी को इस काम का ठेका नहीं दिया गया है. इसके बावजूद परिसर में ऐसे लोगों की मौजूदगी सांठगांठ की तरफ इशारा कर रही है.
बताया तो ये भी जा रहा है कि बेहतर किस्म का रसायन मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर को दिखाने के बाद खुद वाहन मालिक वाहन के भीतरी हिस्सों में उनके सामने इसका छिड़काव कर सकता है. इस विकल्प से वाहन मालिक को ज्यादा खर्च नहीं करना होगा.
एयरपोर्ट रिफ्यूलिंग स्टेशन के गार्ड की हादसे में मौत
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल परिसर से लगे आईओसीएल रिफ्यूलिंग स्टेशन में तैनात एक निजी गार्ड पर गेट गिरने से उसकी मौत हो गई. मृतक का नाम धीरज विजय गणेर बताया गया है. 37 वर्षीय धीरज धम्मदीप नगर निवासी था.
सूत्रों के अनुसार बुधवार की शाम ड्यूटी पर तैनात जब ये गार्ड गेट लगा रहा था, उसी समय ये घटना घटी. चर्चा है कि गेट उसके सिर पर गिरा. इसके बाद एंबुलेंस से घायल गार्ड को नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
सूत्रों के मुताबिक धीरज बुधवार की शाम करीब 6.30 बजे गेट नंबर दो लगा रहा था. स्लाइडिंग गेट को लॉक करने की कोशिश के दौरान ही ये हादसा हुआ. स्टेशन की सुरक्षा के लिए तैनात ये जवान किसी खामी की वजह से सुरक्षित नहीं रह पाया. इस संबंध में आईओसीएल के डीजीएम एस.डी. दास ने केवल इतना बताया कि इसकी जांच कराई जा रही है.
इससे ज्यादा बातचीत करने में उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई. इस दुर्घटना से कई तरह के सवाल बने हुए हैं. गेट के पास सटे होकर खड़े रहने के बावजूद एक जवान कैसे खुद को बचा नहीं पाया और आखिर इतने भारी-भरकम गेट को मजबूती से क्यों स्थापित नहीं किया गया जबकि ये फ्यूल स्टेशन की सुरक्षा से जुड़ा है? बहरहाल शिकायत पर सोनेगांव पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है.