महाराष्ट्र कांग्रेस में असंतोष, मंत्री असलम शेख और विश्वजीत कदम की निष्ठा पर उठाए सवाल, कई नेता ने कहा- सही नहीं

By भाषा | Published: December 31, 2019 06:44 PM2019-12-31T18:44:35+5:302019-12-31T18:47:05+5:30

सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में कुल 36 मंत्रियों को शामिल किया गया। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार था।

Maharashtra cabinet expansion: discontent in Congress camp, questions raised on the loyalty of Minister Aslam Sheikh and Vishwajit Kadam | महाराष्ट्र कांग्रेस में असंतोष, मंत्री असलम शेख और विश्वजीत कदम की निष्ठा पर उठाए सवाल, कई नेता ने कहा- सही नहीं

पार्टी नेता ने कहा, ‘‘शेख और कदम दोनों इस साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने के इच्छुक थे।

Highlightsकांग्रेस से अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और सुनील केदार जैसे वरिष्ठ 10 नेताओं को नयी सरकार में जगह मिली है। कुछ खास नेताओं को मंत्रियों के रूप में चुना जाना राज्य कांग्रेस इकाई के एक खेमे को कुछ रास नहीं आया।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार के एक दिन बाद, कांग्रेस खेमे से असंतोष के सुर सुनाई देने लगे हैं। कम से कम एक वरिष्ठ नेता ने यह उम्मीद जतायी कि पार्टी उन वफादारों की भावनाओं का ध्यान रखेगी, जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है जबकि वे अवसर के हकदार थे।

सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में कुल 36 मंत्रियों को शामिल किया गया। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ का यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार था।

कांग्रेस से अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और सुनील केदार जैसे वरिष्ठ 10 नेताओं को नयी सरकार में जगह मिली है। हालांकि, कुछ खास नेताओं को मंत्रियों के रूप में चुना जाना राज्य कांग्रेस इकाई के एक खेमे को कुछ रास नहीं आया। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को विधायकों असलम शेख और विश्वजीत कदम की निष्ठा पर सवाल उठाए जिन्हें नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

शेख ने कैबिनेट मंत्री, जबकि कदम ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। पार्टी नेता ने कहा, ‘‘शेख और कदम दोनों इस साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने के इच्छुक थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से भी मुलाकात की थी।

शेख को भाजपा द्वारा टिकट देने का भी आश्वासन दिया गया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिसके चलते शेख को वापस कांग्रेस में ही रहना पड़ा।’’ राज्य कांग्रेस के पांच कार्यकारी अध्यक्षों में से एक कदम को शामिल किये जाने से भी कुछ नेता निराश हुए हैं।

इन नेताओं को लगता है कि पश्चिमी महाराष्ट्र के विधायक को पुणे जिले से तीन बार के विधायक और पार्टी के वफादार संग्राम थोप्टे को नजरअंदाज कर तरजीह दी गयी। एक असंतुष्ट नेता ने सवाल खड़ा किया, ‘‘संग्राम थोप्टे को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि तथ्य यह है कि वह कदम से वरिष्ठ हैं?’’

उन्होंने कहा कि तीन बार की विधायक परिणीति शिंदे को भी नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई, जबकि उन्हें इसका आश्वासन दिया गया था। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नसीम खान ने भी पार्टी में असंतोष की बात स्वीकारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि कांग्रेस कोटे से (महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में) मंत्रियों के चयन को लेकर पार्टी में असंतोष है। ऐसी भावना बन रही है कि वफादारों को दरकिनार किया गया है। मुझे उम्मीद है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसपर जरूर ध्यान देगा।’’

Web Title: Maharashtra cabinet expansion: discontent in Congress camp, questions raised on the loyalty of Minister Aslam Sheikh and Vishwajit Kadam

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