Coronavirus: उद्धव ठाकरे सरकार का फैसला, सरकारी ऑफिस में 50% कर्मचारी काम करेंगे, लोकल ट्रेनें, बसें आधी भरी जाएंगी, एकसाथ नहीं खुलेंगी दुकानें
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 19, 2020 08:15 AM2020-03-19T08:15:00+5:302020-03-19T08:15:00+5:30
महाराष्ट्रः यात्रा करने वाले लोगों का प्रबंध करने के लिए ज्यादा संख्या में बसें छोड़ी जाएंगी. बड़े शहरों में पड़ोस की दो दुकानें एक साथ खुली नहीं रखी जाएंगी. इसके लिए सुबह और दोपहर का समय निर्धारित किया जाएगा.
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत सरकारी कार्यालयों में एक दिन 50% कर्मचारी काम करेंगे और दूसरे दिन बचे हुए 50% कर्मचारी कार्य करेंगे. इसके अलावा, दुकानों के खुले रहने का समय भी निश्चित किया जा रहा है. एक दुकान में ज्यादा ग्राहकों की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही, सरकार ने रेलवे, एसटी और निजी बसों एवं मेट्रो जैसी सार्वजनिक सेवाओं को 50% प्रवासी क्षमता के साथ चलाने का इरादा जाहिर किया है.
मतलब यह कि बसों और लोकल ट्रेनों में कुल क्षमता के आधे लोग ही यात्रा कर सकेंगे. इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं. बसों में लोगों को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मुंबई की बेस्ट सेवा में इसे लागू किया जाएगा.
यात्रा करने वाले लोगों का प्रबंध करने के लिए ज्यादा संख्या में बसें छोड़ी जाएंगी. बड़े शहरों में पड़ोस की दो दुकानें एक साथ खुली नहीं रखी जाएंगी. इसके लिए सुबह और दोपहर का समय निर्धारित किया जाएगा. इससे बाजार में भीड़ कम होगी. भीड़-भाड़ वाली सड़कों के लिए भी समय का फार्मूला लागू किया जाएगा.
अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालयों में कोरोना के मद्देनजर सभी किस्म साधन-सामग्री रखी जाएगी. इस आशय के निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जारी कर दिए हैं. जरूरत के हिसाब से क्वॉरंटाइन कक्षों की व्यवस्था की जा रही है. अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जरूरी उपकरण, वेंटिलेशन और मास्क जैसे सुरक्षा साधन उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही, दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
जिन लोगों को होम क्वॉरंटाइन निर्देश दिए गए हैं उनसे अपील की गई है कि वे घर में रहकर ही अपने साथ-साथ अपने परिजनों और पड़ोसियों को कोरोना से बचाएं. होम क्वॉरंटाइन का स्याही ठप्पा (मार्क) होने के बावजूद बाहर घूमने वाले लोगों पर नज़र रखी जाएगी. ऐसे लोगों को बलपूर्वक अस्पताल में भर्ती किया जाएगा.
सरकार ने सभी लोगों से अपील की है कि वे जीवनाश्यक वस्तुओं, अनाज और दवाइयों का भंडारण न करें. इन सभी की पर्याप्त आपूर्ति की व्यवस्था कायम रहेगी. यदि कोई जमाखोरी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.