शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को आदि शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 19, 2023 09:45 PM2023-09-19T21:45:27+5:302023-09-19T21:47:21+5:30
चौहान को 18 सितंबर को भव्य प्रतिमा का अनावरण करना था, लेकिन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कार्यक्रम को 21 सितंबर को पुनर्निर्धारित किया गया है। यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य जी बाल स्वरूप में हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को ओंकारेश्वर में हिंदू संत आदि शंकराचार्य की एक भव्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे। खंडवा जिले में नर्मदा नदी किनारे स्थित ओंकारेश्वर मंदिरों का शहर है। भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर में स्थित है। आठवीं शताब्दी के दार्शनिक व हिंदू धर्म में प्रतिष्ठित शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का नाम एकात्मता की प्रतिमा रखा गया है।
यह विशाल प्रतिमा नर्मदा नदी के किनारे सुरम्य मांधाता पहाड़ी के ऊपर स्थित है। अधिकारी ने बताया कि चौहान को 18 सितंबर को भव्य प्रतिमा का अनावरण करना था, लेकिन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कार्यक्रम को 21 सितंबर को पुनर्निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के मार्गदर्शन में प्रतिमा को तैयार किया गया है और एकात्मता की प्रतिमा आदि शंकराचार्य की विरासत और उनकी गहन शिक्षाओं को प्रदर्शित करती है।
धिकारी ने कहा, ‘यह सांस्कृतिक परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुप्रतीक्षित दृष्टिकोण - 'वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) को पूरा करेगी। इस 108 फुट ऊंची प्रतिमा के साथ, मध्य प्रदेश सभी धर्मों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।’ मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने पहले 2,141.85 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी, जिसके तहत ओंकारेश्वर में एक संग्रहालय के साथ आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाई जानी थी।
यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य जी बाल स्वरूप में हैं। ओंकारेश्वर में ही आदि शंकराचार्य अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। इस प्रतिमा का निर्माण एल एन्ड टी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा द्वारा उकेरी गई है।