मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने समूह-2, समूह-4 एवं पटवारी पद की संयुक्त भर्ती परीक्षा के संबंध में जारी किया स्पष्टीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 14, 2023 09:28 IST2023-07-14T09:21:25+5:302023-07-14T09:28:21+5:30
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने मार्च-अप्रैल 2023 में आयोजित समूह-2, समूह-4 एवं पटवारी पद हेतु हुई संयुक्त भर्ती परीक्षा के संबंध में सोशल मीडिया पर की जा रही शिकायतों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने समूह-2, समूह-4 एवं पटवारी पद की संयुक्त भर्ती परीक्षा के संबंध में जारी किया स्पष्टीकरण
भोपाल:मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने मार्च-अप्रैल 2023 में आयोजित समूह-2, समूह-4 एवं पटवारी पद हेतु ली गई संयुक्त भर्ती परीक्षा का परिणाम एवं 8617 पदों हेतु मेरिट सूची 30 जून 2023 को जारी की गई थी। लेकिन इस संयुक्त भर्ती परीक्षा के संबंध में सोशल मीडिया एवं कर्मचारी चयन मंडल के अधिकृत ई-मेल पर कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जिनके संबंध में मंडल की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई है।
मडंल की ओर से कहा गया है कि समूह-2, समूह-4 एवं पटवारी पद हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा 15 मार्च 2023 से 26 अप्रैल 2023 तक आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 1279063 अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किया गया था और 978270 अभ्यार्थी इस परीक्षा में सम्मिलित हुए थे।
परीक्षा की मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त 8617 अभ्यार्थी कुल 78 परीक्षा केन्द्रों से चयनित हुए है। सोशल मीडिया में प्रसारित खबरों में बताया जा रहा है कि एनआरआई कालेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ग्वालियर से कुल 114 अभ्यार्थी चयनित हुए है, न की 1000 अभ्यार्थियों का चयन हुआ है। टॉप 10 में से 7 अभ्यार्थी एनआरआई कालेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ग्वालियर से अलग-अलग तारीख में अलग-अलग पाली में परीक्षा दिए थे और इन समस्त अभ्यार्थियों के प्रश्नपत्र भी अलग-अलग थे।
मंडल की ओर से कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों, परीक्षा की तारीख, परीक्षा की पाली एवं रोल नम्बर आदि का आवंटन मंडल द्वारा रैंडम प्रक्रिया से किया जाता है। अपने प्रवेश पत्र में टॉप 10 में से 6 अभ्यार्थियों ने हिंदी में और 4 ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये हैं। परीक्षा की नियमावली में हस्ताक्षर की भाषा पर कोई बंधन नहीं है, परन्तु अभ्यार्थी के स्पष्ट हस्ताक्षर होने पर ही परीक्षा हेतु प्रवेश पत्र जारी किया जाता है।
अभ्यार्थी द्वारा आवेदन पत्र भरते समय उन्हें फोटो अपलोड करना अनिवार्य होता है। फोटो के आधार पर मंडल किसी की अभ्यार्थिता तभी निरस्त करता है जब फोटो आधा-अधूरा या कटा या अस्पष् या मास्क इत्यादि के साथ होता है, जिससे अभ्यार्थी की पहचान करने में कठिनाई होती हो। अभ्यार्थियों की जाति/संविदा कर्मी/विकलांगता आदि सम्बंधित दावे की सत्यता के लिए अभ्यार्थी स्वयं ही जिम्मेदार होते हैं।
अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन मंडल स्तर पर नहीं किया जाता है बल्कि परीक्षा में चयन के उपरांत अभ्यार्थियों को सम्बंधित विभागों से दस्तावेज का सत्यापन कराना होता है। परीक्षा की नियम पुस्तिका अनुसार प्रश्नों पर अभ्यार्थियों से आपत्ति प्राप्त होने पर विषय विशेषज्ञों की कुंजी समिति द्वारा पूर्ण परीक्षण करके प्रश्नों को निरस्त करने या विकल्प परिवर्तन करने की अनुशंसा की जाती है।
कुंजी समिति द्वारा प्रश्नों पर लिया गया निर्णय अंतिम होता है। कुंजी समिति के निर्णय अनुसार ही परीक्षा परिणाम तैयार किया गया है। मंडल द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार परीक्षा समाप्ति उपरान्त आदर्श उत्तर कुंजी का प्रकाशन किया जाता है, तत्पश्चात परिणाम के साथ अंतिम उत्तर कुंजी (कुंजी समिति के अनुशंसायें सहित) वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों में उल्लेख किये गए नर्मदा का उद्गम स्थल कहां है, सम्बंधित प्रश्न पर अभ्यार्थियों द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी। इस प्रश्न के उत्तर में भोपाल/अनूपपुर विकल्प के साथ कोई प्रश्न टॉप 10 छात्रों ने जिन-जिन पालियों में परीक्षा दिए थे, उन प्रश्न पत्रों में नहीं पाया गया है।
इसके अलावा मंडल ने यह भी कहा है कि किसी भी अभ्यार्थी की उत्तरपुस्तिका केवल वही देख सकता है, जिसके पास अभ्यार्थी के रोल नंबर एवं प्रवेश पत्र में अंकित विशिष्ट कोड उपलब्ध हैं। मंडल द्वारा अपनाई जा रही नॉर्मलाईसेशन प्रक्रिया को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस प्रक्रिया का परीक्षण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर आईआईएम इंदौर से कराये जाने के उपरान्त माननीय उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017 में प्रक्रिया को हस्तक्षेप योग्य नहीं पाया था। नॉर्मलाईसेशन का सूत्र (फार्मूला) मंडल की वेबसाइट एवं रूलबुक में भी उपलब्ध है।