मध्य प्रदेश चुनाव: कांग्रेस ने कहा, अमित शाह ने एक फेल्ड स्टेट का रिपोर्ट कार्ड जारी किया
By मुकेश मिश्रा | Updated: August 20, 2023 20:29 IST2023-08-20T20:29:19+5:302023-08-20T20:29:19+5:30
तंखा ने कहा की शिवराज सरकार ने सबके साथ अन्याय किया है। चाहे शिक्षा व्यवस्था हो, नौजवानों की रोजगार की बात हो या फिर स्वास्थ्य व्यवस्था सब के साथ अन्याय किया है, उसके बाद यह किस चीज का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश चुनाव: कांग्रेस ने कहा, अमित शाह ने एक फेल्ड स्टेट का रिपोर्ट कार्ड जारी किया
भोपाल: 20 अगस्त,भोपाल में शिवराज सरकार के 18 साल के कार्यों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड पर कांग्रेस ने तीखा हमला करते हुए कहा कि शिवराज के 18 साल के राज में मध्यप्रदेश एक फेल्ड स्टेट की श्रेणी में खड़ा है। यही नहीं अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड जारी कर बता दिया कि मुख्यमंत्री साइडलाइन कर दिए गए हैं और पूरा नियंत्रण अमित शाह का है।
राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए यह बात कही। विवेक तंखा ने कहा कि आपने बड़े-बड़े इन्वेस्टर सबमिट किये, करोड़ों डॉलर के एमओयू किये? इन एमओयू का क्या हुआ? अगर यह एमओयू कामयाब होते तो आज मध्यप्रदेश के शहर बेंगलुरु और हैदराबाद की तरह आईटी हब बन गये होते।
तंखा ने कहा की शिवराज सरकार ने सबके साथ अन्याय किया है। चाहे शिक्षा व्यवस्था हो, नौजवानों की रोजगार की बात हो या फिर स्वास्थ्य व्यवस्था सब के साथ अन्याय किया है, उसके बाद यह किस चीज का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड 18 साल के मुख्यमंत्री नहीं देश के गृहमंत्री पेश कर रहे हैं। अगर मैं 18 साल का मुख्यमंत्री होता मैं कभी किसी गृह मंत्री को अपने राज्य में अपने रिपोर्ट कार्ड में हस्तक्षेप नहीं करने देता। क्योंकि यह 18 साल शिवराज जी के थे।अच्छे थे कि खराब थे लेकिन उनके ही थे।
अमित शाह जी ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया इसके दो कारण हो सकते हैं। एक हो सकता है अमित शाह जी आप पर विश्वास नहीं करते।आपको साइड लाइन कर दिया गया है इसलिए उन्होंने पूरी कैंपेन अपने हाथ में ले ली और दूसरा आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका है। मुझे इसमें दोनों की संभावना दिख रही है।
तंखा ने कहा कि उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को दो-दो बार एक्सटेंशन दिया गया है। क्या मध्यप्रदेश में कोई दूसरा ऑफिसर काबिल नहीं है जो चीफ सेक्रेटरी बन सके? ऐसी कौन सी खासियत है उनमें जिसके कारण आप उन्हें चीफ सेक्रेटरी बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा, असल में उनकी इच्छा प्रशासन चलाने की नहीं है उनकी इच्छा राजनीति करने की है वह पीछे से इस बात की कोशिश में लगे हैं कि किस तरह अफसर को धमका कर शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाऊं। इसलिए जब दो दिन पहले वह कोर्ट के सामने गए तो कोर्ट ने क्या बोला उनको, चीफ सेक्रेटरी बिना पढ़े पक्ष रखने आ गए। भगवान ही मालिक है। 500000 रूपए का जुर्माना लगाया।
उन्होंने कहा, शिवराज जी आपको शर्म आनी चाहिए। मध्य प्रदेश ऐसे मुख्य सचिव के लिए नहीं बना है। इन्हें खुद रिटायरमेंट लेकर इज्जत से चला जाना। हम उन्हें मध्य प्रदेश में पॉलिटिक्स नहीं करने देंगे।
तंखा ने कहा कि संविधान से हम चलते हैं अभी प्रधानमंत्री के इकोनामिक एडवाइजर ने बोल दिया कि अब समय आ गया है नया संविधान बनाने का। अब वह नया संविधान लाना चाहते हैं। उस संविधान में एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी की कोई जगह नहीं होगी। मैं विवेक देव रॉय के उस आर्टिकल की निंदा करता हूं। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार को यह अधिकार किसने दिया था कि वह नया संविधान बनाने की बात कहे।
भाजपा की मानसिकता संविधान विरोधी है यह एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक के अधिकारों के खिलाफ हैं। कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को जो आरक्षण दिया था उसे आरक्षण को खत्म करने का काम बीजेपी ने किया है।