Madhya Pradesh cabinet expansion: चुनावी साल में चौहान सरकार में फेरबदल, मंत्रिमंडल में 4 नए सदस्यों होंगे शामिल, देखें संभावित लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 24, 2023 19:40 IST2023-08-24T19:39:47+5:302023-08-24T19:40:54+5:30
Madhya Pradesh cabinet expansion: मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 31 सदस्य हैं। संख्या 35 तक जा सकती है, जो कि 230 सदस्यों वाली मप्र विधानसभा का 15 प्रतिशत है।

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भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किए जाने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत में प्रस्तावित हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि चौहान मंत्रिमंडल में तीन-चार नए सदस्यों को शामिल किए जाने की संभावना है। चौहान का वर्तमान कार्यकाल मार्च 2020 में शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल (एक ब्राह्मण नेता व विंध्य क्षेत्र के रीवा से विधायक) और गौरीशंकर बिसेन (महाकौशल क्षेत्र के बालाघाट से विधायक एवं मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष) के नाम लगभग तय हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि राहुल सिंह लोधी और मप्र के पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल को शामिल करने पर चौहान और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है। दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। मप्र की आबादी का 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ओबीसी श्रेणी में आता है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से पहली बार विधायक बने लोधी भाजपा की नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। जबकि महाकोशल क्षेत्र के नरसिंहपुर से विधायक जालम सिंह केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के छोटे भाई हैं। वर्तमान में, राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 31 सदस्य हैं।
संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, यह संख्या 35 तक जा सकती है, जो कि 230 सदस्यों वाली मप्र विधानसभा का 15 प्रतिशत है। मंत्रिपरिषद का आखिरी बार विस्तार जनवरी 2021 में हुआ था। इस बीच, शुक्ला और बिसेन भोपाल पहुंच गए हैं। संपर्क करने पर, शुक्ला ने संभावित कैबिनेट विस्तार पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
राजभवन के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि राज्य सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं भेजी है। पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने कहा कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर को मात देने, जातिगत समीकरणों को संतुलित करने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की सिफारिश पर मंत्रिमंडली में विस्तार किया जा रहा है।