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उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने TGT भर्ती पर लगी रोक हटाई, 67 हजार उम्मीदवारों की नौकरी का खुला रास्ता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 14, 2020 12:31 IST

UPTGT: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश है कि खाली पदों पर तीन महीने के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए।

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ठळक मुद्देइलाहबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड चयन को बायोलॉजी के शिक्षकों को नियुक्त करने का निर्देश दिया है।सरकार द्वारा बायोलॉजी पद को खत्म करने के कारण 67 हजार उम्मीदवार का भविष्य अधर में लटक गया.सरकार द्वारा बायोलॉजी पद को खत्म करने के कारण 67,005 उम्मीदवार को भर्तियों से बाहर आना पड़ा था।

उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले के लिए खुशखबरी है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) 2016 बायोलॉजी  विषय के लिए 304 पदों पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। कोर्ट का निर्देश है कि इन पदों पर तीन महीने के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। कोर्ट ने 2018 से चले आ रहे मामले पर सोमवार (13जनवरी 2020) को फैसला सुनाया। 

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड चयन के प्रमुख सचिव ने कोर्ट में  एक हलफनामा दाखिल किया था।  इसके जवाब में कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश  सरकार ने इन पदों को समाप्त करने वाली अधिसूचना को वापस ले लिया है।

यूपी की सरकार ने छह जून 2016 को इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातकों का चयन करने के लिए विज्ञानपन जारी किया था लेकिन कुछ सालों बाद 12 जुलाई 2018 को एक अधिसूचना जारी करते हुए इसमें से बायोलॉजी की पोस्ट को खत्म कर दिया गया। इसके कारण करीब 67 हजार उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे सके। उस समय सरकार ने अपनी सफाई में कहा कि विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर सामान्य विज्ञान का एक नया विषय बनाया गया है। 

सरकार के कदम के बाद इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों ने इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने जब सरकार से इस विषय के बारे जानकारी देने को कहा तो सरकार ने बताया कि दसवीं तक के स्कूल में बायोलॉजी विषय अलग से नहीं है। इसलिए विज्ञान शिक्षक के लिए अलग से इस विषय को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही विज्ञान विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षक के पास बीएससी, केमिस्ट्री या फिजिक्स की डिग्री होनी चाहिए। 

इस संबंध में उम्मीदवार याचियों ने बायोलॉजी विषय को नहीं हटाने के लिए कहा। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि जिस शिक्षक ने बारहवीं क्लास की बायोलॉजी नहीं पढ़ी है उससे इस विषय को पढ़ाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। अब कोर्ट ने सोमवार को अपनी  सुनवाई में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को बायोलॉजी विषय के लिए शिक्षकों की निक्तियों के लिए निर्देश दिया है। 

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