अब सैलरी रजिस्टर आंकड़ों से मापा जा सकता है रोजगार सृजन
By भाषा | Updated: May 5, 2018 14:15 IST2018-05-05T14:15:25+5:302018-05-05T14:15:25+5:30
देश में रोजगार सृजन के बारे में अनुमान लगाने में मदद के लिये सेवानिवृति कोष ईपीएफओ, ईएसआई और पीएफआरडीए ने पिछले माह वेतन रजिस्टर आंकड़े जारी किये थे।

अब सैलरी रजिस्टर आंकड़ों से मापा जा सकता है रोजगार सृजन
नई दिल्ली, 5 मई: सांख्यिकी मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन को मापने के लिए वेतन भुगतान रजिस्टर ( पेरोल ) आंकड़ों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मंत्रालय ने बताया कि सरकार द्वारा गठित कार्यबल की सिफारिशों पर अमल करते हुए यह पहल की गई। एक रिपोर्ट तैयार की गई जो औपचारिक क्षेत्र में रोजगार निर्माण की प्रगति को दिखाती है। इसके लिए प्रशासनिक रिकॉर्डों या वेतन रजिस्टर के आंकड़ों का आकलन किया गया।
यह रिपोर्ट ऐसे समय जारी की गई है जब नीति आयोग ने एक अनुमान जारी कर कहा है कि सितंबर 2017 से इस साल फरवरी के बीच 35.3 लाख रोजगार सृजित किये गये हैं। मंत्रालय ने 'भारत में वेतन रजिस्टर की रपट : एक औपचारिक रोजगार परिप्रेक्ष्य' जारी की है। रपट के अनुसार इसमें रोजगार और बेरोजगारी की माप के लिए घरों पर किए गए सर्वेक्षण , कारोबारों और प्रतिष्ठानों के सर्वेक्षण के सांख्यिकी अनुमान और सरकारी योजनाओं के पेरोल आंकड़ों और प्रशासनिक आंकड़ों का उपयोग किया गया है।
देश में रोजगार सृजन के बारे में अनुमान लगाने में मदद के लिये सेवानिवृति कोष ईपीएफओ, ईएसआई और पीएफआरडीए ने पिछले माह वेतन रजिस्टर आंकड़े जारी किये थे। नीति आयोग ने पिछले माह कहा था कि तीन संगठनों के वेतन रजिस्टर आंकड़ों को हर महीने जारी किया जायेगा। देश में औपचारिक क्षेत्र में नये और निरंतर चल रहे रोजगार के आंकड़ों की जानकारी देने के लिये मासिक वेतन भुगतान रजिस्टर आंकड़ों को देने की शुरुआत की गई है।