लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद YSR कांग्रेस को नहीं है स्वीकार, ये है वजह
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 24, 2019 07:25 AM2019-06-24T07:25:46+5:302019-06-24T07:25:46+5:30
वाईएसआर कांग्रेस 17वीं लोकसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. उसके 22 सदस्य हैं. पार्टी नेता ने कहा, ''आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए विपक्ष, खासकर, कांग्रेस भी जिम्मेदार है. इसने राज्य का विभाजन किया लेकिन इसे विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. लिहाजा हम उनसे भी समान दूरी रखेंगे.''
वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा उपाध्यक्ष का पद स्वीकार करने की संभावना नहीं है क्योंकि पार्टी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग पूरी होने तक भाजपा नीत राजग सरकार के साथ खड़े हुए नहीं दिखना चाहती है. वाईएसआर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों से ही समान दूरी रखना चाहती है.
वाईएसआर कांग्रेस 17वीं लोकसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है. उसके 22 सदस्य हैं. नेता ने कहा, ''आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए विपक्ष, खासकर, कांग्रेस भी जिम्मेदार है. इसने राज्य का विभाजन किया लेकिन इसे विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. लिहाजा हम उनसे भी समान दूरी रखेंगे.''
बहरहाल, उनकी पार्टी सत्तारूढ़ दल को देश हित वाले कुछ मुद्दों पर समर्थन दे सकती है. लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर रुख को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि कोई सीधी या औपचारिक पेशकश नहीं आई है लेकिन संकेत दिए गए हैं.
पार्टी के नेता ने कहा, '' पार्टी को यह पद नहीं चाहिए, क्योंकि इससे सत्तारूढ़ दल के साथ खड़ा हुआ देखा जाएगा. पार्टी केंद्र के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने तक यह (केंद्र के साथ खड़े दिखना) नहीं चाहती है.''
उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने रुख से भाजपा नेतृत्व को अवगत करा दिया है. सूत्रों ने यह भी कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मात्र औपचारिक है जो उनके बहुत ज्यादा काम का नहीं है.