आंध्र प्रदेश में प्रचंड बहुमत से जीतकर आए जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद बड़ा फैसला लिया है। सीएम जगन मोहन ने ऐलान किया है कि राज्य में काम करने वाली आशा कार्यकत्रियों को अब 10,000 रुपये मिलेंगे। इससे पहले आशा वर्कर्श को तीन हजार रुपये मिले थे। 3 हजार को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में ही आंध्र प्रदेश में 35000 से ज्यादा आशा वर्कर्स काम कर रही थीं। पूरे देश में तकरीबन 8 लाख से ज्यादा आशा वर्कर्स हैं।
वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने 30 मई को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने अपने कार्यालय में पहले दिन वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने का आदेश दिया। जगन की पार्टी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनावों में कुल 175 में से 151 सीटों पर जीत हासिल की थी। शपथ ग्रहण समारोह के बाद रेड्डी ने वृद्धावस्था पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रतिमाह करने की फाइल पर हस्ताक्षर किये।
मुख्यमंत्री ने इस साल 15 अगस्त तक प्रस्तावित 'ग्राम सचिवालयम्स' में काम करने के लिये चार लाख ग्राम स्वयंसेवकों (शिक्षित बेरोजगार युवाओं) की नियुक्ति का भी ऐलान किया था। रेड्डी ने कहा था कि हर स्वयंसेवक को नौकरी मिलने तक प्रतिमाह पांच हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
आशा वर्कर्स ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी देने, गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिए जैसे कार्यों के लिए आशा कार्यकत्रियों की नियुक्ति की जाती है।