Yes Bank ने भगवान जगन्नाथ को दी 'राहत', SBI में ट्रांसफर किए 397 करोड़ रुपये, जानिए अभी कितने करोड़ हैं बाकी

By रामदीप मिश्रा | Published: March 19, 2020 12:27 PM2020-03-19T12:27:37+5:302020-03-19T12:27:37+5:30

रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक पर कई तरह के अंकुश लगाए थे। जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की गई थी। बैंक का जहां नई पूंजी जुटाने का प्रयास विफल रहा था, वहीं बैंक से नियमित आधार पर पूंजी निकल रही थी, जिससे उसका संकट गहरा गया था। 

YES Bank remitted Rs. 397 crores to the designated SBI account of Jagannath Temple Corpus Fund | Yes Bank ने भगवान जगन्नाथ को दी 'राहत', SBI में ट्रांसफर किए 397 करोड़ रुपये, जानिए अभी कितने करोड़ हैं बाकी

यस बैंक ने एसबीआई में ट्रांसफर किया जगन्नाथ भगवान का पैसा। (फाइल फोटो)

Highlightsयस बैंक के राज्य प्रमुख व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयदेव दास ने बताया है कि उन्होंने जगन्नाथ मंदिर कॉर्पस फंड को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खाते में ट्रांसफर कर दिया है। अभी जगन्नाथ भगवान के 148 करोड़ रुपये यस बैंक के पास बाकी बचे हैं।

निजी क्षेत्र के यस बैंक के संकट में पड़ने से सदियों पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु चिंता में आ गए थे। यस बैंक में भगवान जगन्नाथ मंदिर के 545 करोड़ रुपये जमा थे। लेकिन, अब उनके लिए राहत भरी खबर है। दरअसल यस बैंक ने भगवान जगन्नाथ के 397 करोड़ रुपये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, यस बैंक के राज्य प्रमुख व वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयदेव दास ने बताया है कि उन्होंने जगन्नाथ मंदिर कॉर्पस फंड को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खाते में ट्रांसफर कर दिया है। यह रकम 397 करोड़ रुपये की है। हालांकि अभी जगन्नाथ भगवान के 148 करोड़ रुपये यस बैंक के पास बाकी बचे हैं।

यस बैंक के संकट से जूझने पर पुरी के इस मंदिर के दैतापति (सेवक) विनायक दासमहापात्रा ने कहा था कि रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक पर रोक से सेवक और भक्त आशंकित हैं। हम उन लोगों के खिलाफ जांच की मांग करते हैं जिन्होंने थोड़े ज्यादा ब्याज के लालच में निजी क्षेत्र के बैंक में इतनी बड़ी राशि जमा कराई। 


जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शी पटनायक ने कहा था कि भगवान के धन को निजी क्षेत्र के बैंक में जमा कराना न केवल गैर- कानूनी है बल्कि यह अनैतिक भी है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और मंदिर की प्रबंधन समिति इसके लिए जिम्मेदार है। 

बता दें रिजर्व बैंक द्वारा यस बैंक पर कई तरह के अंकुश लगाए थे। जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की गई थी। बैंक का जहां नई पूंजी जुटाने का प्रयास विफल रहा था, वहीं बैंक से नियमित आधार पर पूंजी निकल रही थी, जिससे उसका संकट गहरा गया था। 

इधर, यस बैंक ने बुधवार को कहा कि उसका कामकाज पहले की तरह शुरू हो गया है और ग्राहकों के लिए उसकी सभी सेवाएं फिर से शुरू कर दी गई हैं। यस बैंक ने ट्विटर पर लिखा है, 'हमारी बैंक सेवाएं फिर से परिचालन में आ गई हैं। आप हमारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सहयोग और धैर्य के लिये धन्यवाद।' 

रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को बैंक पर पाबंदी लगा दी थी। इसके तहत ग्राहकों को तीन अप्रैल तक अपने खाते से 50,000 रुपये तक निकालने की छूट दी गई थी। सरकार ने पिछले सप्ताह पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किया। 

Web Title: YES Bank remitted Rs. 397 crores to the designated SBI account of Jagannath Temple Corpus Fund

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