ओडिशा सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर का फंड यस बैंक से निकालने की अनुमति दी जाए। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर आरबीआई को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि वह पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को संकटग्रस्त यस बैंक से मंदिर के 545 करोड़ रुपये के फंड को वापस लेने की अनुमति दे।
पुजारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखा, “पुरी में जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन, शासन और प्रबंधन और इसकी संपत्तियों को श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1954 में निहित प्रावधानों के आधार पर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति (एमसी) नामक समिति में निहित किया गया है। प्रबंध समिति की चर्चा के आधार पर, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) मंदिर के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करता है।''
उन्होंने कहा, ''मंदिर से संबंधित विभिन्न फंड जैसे कि फाउंडेशन फंड, कॉर्पस फंड और टेम्पल फंड- प्रबंध समिति द्वारा प्रबंधित किए जा रहे हैं। इनमें से पुरी के यस बैंक में 545 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई है। ये जमाराशियां मार्च 2020 में मैच्यॉर हो रही हैं।''
ओडिशा के वित्त मंत्री ने आगे कहा, "इस पृष्ठभूमि में, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि भगवान जगन्नाथ के लाखों भक्तों के हित में यस बैंक में एसजेटीए से संबंधित जमा की राशि को निकासी के लिए आरबीआई को आवश्यक निर्देश जारी करें।"
बता दें कि इससे पहले ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। विपक्षी पार्टी ने कहा था कि कानून मंत्री प्रताप जेना द्वारा दिए गए बयान में मार्च महीने के अंत तक भगवान के पैसे को राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित करने की घोषणा पर्याप्त नहीं है।
कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मामला चिंता का विषय है क्योंकि पूरे देश के लाखों भक्तों की भावना इससे जुड़ी है, इसलिए मुख्यमंत्री को आगे आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
मिश्रा ने कहा था कि पटनायक ने लोगों को आश्वस्त नहीं किया है कि भगवान का पैसा निजी बैंक में सुरक्षित है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को लोगों को बताना चाहिए कि कैसे भगवान का पैसा नियमों को ताक पर रखकर निजी बैंक में जमा कराया गया।’’
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्रा ने भी संकटग्रस्त बैंक से भगवान के पैसे की वापसी को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह चिंता का विषय है कि भगवान जगन्नाथ का पैसा एक ही निजी बैंक में रखा गया।
इस बीच, पुरी के संगठन श्री जगन्नाथ सेना ने शनिवार को प्रदर्शन किया था और सतर्कता विभाग के हस्तक्षेप की मांग की थी।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)