अलगाववादी नेता यासीन मलिक व गिलानी ने कहा, कभी सुरक्षा मिली ही नहीं तो क्या वापस ले रही सरकार!
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: February 22, 2019 06:01 AM2019-02-22T06:01:32+5:302019-02-22T06:01:32+5:30
जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक और कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने कुछ नेताओं की सुरक्षा वापस लेने से संबंधित जम्मू कश्मीर प्रशासन की घोषणा को बृहस्पतिवार को ‘झूठ’ करार दिया।
जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक और कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कुछ नेताओं की सुरक्षा वापस लेने से संबंधित जम्मू-कश्मीर प्रशासन की घोषणा को गुरुवार को ‘झूठ' करार दिया है। यासिन मलिक ने मीडिया के जरिए कहा है कि उनका राज्य के अंदर किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिली है।
वहींं, हुर्रियत कांफ्रेंस ने उसके अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की सुरक्षा वापस लेने संबंधी खबर को ‘हास्यास्पद’ बताया। मीडिया को संबोधित करते हुए यासिन ने कहा है कि मेरे पास पिछले 30 सालों से कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं। यह सरकार की तरफ से बिल्कुल बेईमानी है।
उन्होंने संबंधित सरकारी अधिसूचना को ‘झूठ’ करार दिया। साथ ही सैयद अली शाह गिलानी की सुरक्षा वापस लेने से संबंधित खबर बिल्कुल झूठी है और ऐसे हास्यास्पद खबरों पर बस हंसी आती है। प्रवक्ता ने कहा कि गिलानी को न तो कभी सुरक्षा दी गयी थी और न ही उन्होंने उसके लिए अनुरोध किया था।
सरकान का फैसला
21 फरवरी को खबर आई थी कि सरकार के द्वारा चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब सरकार ने 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। इस बात की जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई थी। सरकार के इस अहम कदम के बाद अब 22 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई ।
किसकी हटाई गई सुरक्षा
जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है।
अतना ही नहीं 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में भी सरकार की ओर से अब अहम बदलाव किए गए हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, जो अब वापस ले ली गई हैं।
(इनपुट भाषा के साथ)