विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी यशवर्धन कुमार सिन्हा नए मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) बनाए जाएंगे. सीआईसी के पद के लिए 154 और पांच सूचना आयुक्तों (आईसी) के लिए 355 उम्मीदवार थे.
यशवर्धन सिन्हा पहले से ही सूचना आयुक्त के रूप में कार्यरत थे और उनमें सबसे वरिष्ठ भी थे. दूसरे, वे स्वर्गीय जनरल एस. के. सिन्हा के पुत्र हैं, जो केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे.
प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले पैनल ने सूचना आयुक्त के पद के लिए एक मराठी पत्रकार उदय माहुरकर के नाम को भी मंजूरी दी है.
सूत्रों के अनुसार माहुरकर इंडिया टुडे समूह में डिप्टी एडिटर के रूप में कार्यरत हैं और संघ परिवार के करीबी माने जाते हैं. सीआईसी में आधे से अधिक रिक्तियां पिछले कई महीनों के दौरान उत्पन्न हुई थीं और सरकार ने पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे.
ज्यादातर सेवानिवृत्त नौकरशाहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोक सेवकों ने पदों के लिए आवेदन किए थे. प्रधानमंत्री की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय पैनल और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जांच परख के बाद सिन्हा के नाम को इस शीर्ष पद के लिए हरी झंडी दे दी. 3 सदस्यीय पैनल ने पांच अन्य सूचना आयुक्तों के नामों को भी मंजूरी दी.
पिछले कई महीनों से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली रहने के चलते हजारों आरटीआई के मामले लंबित हो गए थे. सूचना के अधिकार की करीब 37 हजार अपीलें जमा हो चुकी थीं.
बिमल जुल्का के सेवानिवृृत्त होने के बाद महीनों से सीआईसी का अध्यक्ष पद रिक्त था. रिक्तियों के कारण आरटीआई के मामलों का अंबार लग रहा था और सीआईसी की कार्यप्रणाली पर गंभीर असर पड़ रहा था. मंत्रालय और विभाग भी आरटीआई के आवेदनों के जवाब देने से कन्नी काट रहे थे.